2017-08-28 16:40:00

कलीसिया की नैतिक और सामाजिक शिक्षा को ध्यान में रखें, संत पापा


वाटिकन सिटी, सोमवार, 28 अगस्त 2017 (वीआर अंग्रेजी): संत पापा फ्राँसिस ने रविवार 27 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय काथलिक विधायक नेटवर्क की सभा में भाग ले रहे लोगों से मुलाकात की जो इन दिनों रोम में एकत्रित हैं।

अंतर्राष्ट्रीय काथलिक विधायक नेटवर्क की स्थापना 2010 में वियेना के कार्डिनल ख्रीस्तोफर शोनबॉन तथा ब्रिटिश सांसद लॉर्ड डेविड अल्टॉन के द्वारा की गयी थी। आईसीएलएन ने काथलिक विधि-निर्माताओं को एक साथ एकत्रित किया है ताकि वे आम विषयों पर चिंतन कर सकें एवं सार्वजनिक भलाई हेतु आम विश्वास को किस तरह बेहतर बनाया जाए इस पर विचार मंथन कर सकें।

काथलिक विधि निर्माताओं को अपने सम्बोधन में संत पापा ने कहा कि विस्तृत राजनीतिक विकल्प जो विधि निर्माताओं द्वारा प्रस्तुत किया गया है उनकी संख्या में वृद्धि हुई है।

संत पापा ने कहा, ″जब तक हमारे समय में समाज के बड़े प्रश्नों के लिए कलीसिया का योगदान दिया जा सकता है, यह महत्वपूर्ण है कि आपकी प्रतिबद्धता लगातार उसकी नैतिक और सामाजिक शिक्षाओं के द्वारा फैलाया जाए, ताकि एक अधिक मानवीय और न्यायपूर्ण समाज का निर्माण किया जा सके।″

उन्होंने कहा, ″कानून जिसको आप घोषित एवं लागू करते हैं वह विभिन्न राजनीतिक आयामों के बीच सेतु का निर्माण करे। यहां तक कि उस समय भी जब किसी असुरक्षित और हाशिए पर जीवन व्यतीत करने वाले पर अधिक ध्यान देने का आदेश दिया जाता है, खासकर वे लोग जो अपना देश छोड़ने के लिए बाध्य हैं; और जब वे एक सही मानव और प्राकृतिक पारिस्थितिकी के पक्ष में हैं।"

अंतर्राष्ट्रीय काथलिक विधायक नेटवर्क में भाग ले रहे अमराकी कॉन्ग्रेस प्रतिनिधि अलेक्स मूनी ने कहा, ″यहाँ हमारे लिए एक अवसर है जहाँ हम काथलिक विधि-निर्माताओं एवं चयनित अधिकारियों से मिल सकते हैं जो विश्व के विभिन्न हिस्सों से एकत्रित हुए हैं तथा हमारे विश्वास एवं किस  तरह कार्य किया जाए और एक दूसरे का समर्थन किया जाए इन आम समस्याओं एवं अवसरों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं।″  उन्होंने कहा कि यह देखना अत्यन्त प्रेरणादायक है कि किस तरह लोग पारिवारिक मूल्यों के लिए मेहनत कर रहे हैं। कलीसिया के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए हर देश के उदार काथलिकों को देखना बहुत उत्साहजनक है।"

ट्वीट - आज संत अगुस्टीन का पर्व है संत पापा ने ट्वीट संदेश प्रेषित कर संत अगस्टीन के आदर्श वाक्य को लोगों को स्मरण दिलाया। उन्होंने लिखा,

आपने हमें अपने अनुरूप बनाया है तथा हमारा हृदय तब तक बेचैन रहेगा जब तक वह आप में विश्राम न पा ले। 








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