2017-08-21 15:25:00

रिमिनी की वार्षिक सभा को संत पापा का संदेश


वाटिकन सिटी, सोमवार, 21 अगस्त 2017 (वीआर अंग्रेजी): संत पापा फ्राँसिस ने रविवार को ″लोगों के बीच मित्रता हेतु रिमिनी की वार्षिक सभा″ को एक संदेश प्रेषित कर सभा के प्रतिभागियों को प्रेरित किया कि वे ईश्वर की आवश्यकता पर ध्यान दें। 

संत पापा की ओर से वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन द्वारा प्रेषित पत्र में संत पापा ने रिमिनी सभा में भाग ले रहे लोगों का अभिवादन किया है तथा उन्हें कहा है कि वे कठिनाईयों एवं दुखों से विचलित न हो जाएँ।

इताली शहर रिमिनी में आयोजित इस सभा की विषयवस्तु, जर्मन लेखक जोन वाल्फगांग वॉन गोयथ के लेख से उद्धृत है, ″अपने पिता के विरासत का उत्तराधिकारी होने के पूर्व उसे अर्जित किये जाने की आवश्यकता।″

संत पापा ने कहा कि यही वह कार्य है जिसके लिए माता कलीसिया प्रत्येक पीढ़ी से मांग करती है।

संदेश में उन्होंने कहा, ″हमें बालकनी से वास्तविकता को देखने की अनुमति नहीं है और न ही सोफा पर बैठकर टेलीविजन द्वारा दुनिया को देखने की, बल्कि हमारे पूर्वजों द्वारा प्रदत्त सच्चाई, सुन्दरता और अच्छाई को प्राप्त करने एवं युग में बदलाव के साथ उसे जीने तथा सुसमाचार के आनन्द को दूसरों के साथ बांटना है। 

 संत पापा ने रिमीनी के आयोजकों को निमंत्रण दिया कि वे विभिन्न चिन्हों के प्रति सजग होने के लिए अपनी आँखों को खुली रखें ताकि वे प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से ईश्वर की आवश्यकता को देख पाने में समर्थ हों।

इस तरह, वे मानव हृदय के बड़े सवालों का जीवित प्रत्युत्तर दे सकेंगे।   

अंततः संत पापा ने उन्हें निमंत्रण दिया कि वे उस आशा का साक्ष्य दें जो कभी निराश नहीं करता।








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