कोलकाता, शनिवार, 19 अगस्त 2017 (एशियान्यूज़): मुस्लिम विद्यार्थियों के एक संगठन ने भारत में मानव प्रतिष्ठा की रक्षा हेतु राष्ट्रीय स्तर पर एक अभियान जारी किया है।
भारत के मुस्लिम विद्यार्थी संगठन ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में अपनी पहल बुधवार को शुरू की। जिसके तहत युवाओं द्वारा दो सप्ताह तक देशभर में मानव जीवन के सम्मान को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
यह पहल दलितों एवं मुसलमानों पर हिंसक हमलों एवं भेदभाव की भावना का विरोध करने के लिए किया गया है जिसने लोगों के जीवन में डर पैदा कर दिया है।
एसआईओ के जनसंपर्क सचिव अब्दुल हमीद ने कहा, "सम्मान के साथ जीना मानव का ईश्वर प्रदत्त मौलिक अधिकार है।″
इस अभियान को कोलकाता के एक प्रेस में प्रस्तुत किया गया जिसकी विषयवस्तु है ″उत्पीड़न का बहिष्कार। प्रतिष्ठा को पुनः प्राप्त करना। घृणा के विरूद्ध खड़े होना।″
आयोजकों ने कहा कि यह अभियान "हिंदुत्व समर्थक राष्ट्रवादी देशभक्ति" को विफल करने का एक प्रयास है जिसको आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के साथ वर्तमान बीजेपी दल (भारतीय जनता पार्टी) की केंद्र सरकार ने लागू करने की कोशिश कर रही है।
एसआईओ के अनुसार, अल्पसंख्यकों के खिलाफ हाल में बनी भेदभावपूर्ण नीतियां, जैसे गौ मांस पर प्रतिबंध आदि ने गाय रक्षकों के दल का गठन किया है तथा उनके द्वारा कई निर्दोष लोगों की हत्या को प्रोत्साहन दिया है।
हमिद ने कहा "जहां तक भारत के वर्तमान सामाजिक एवं राजनीतिक स्थिति की बात है, उत्पीड़ित समुदायों के अधिकारों का गंभीर रूप से उल्लंघन किया जा रहा है," "सभी अनधिकृत समुदाय, मुसलमान और दलित, समान रूप से एक गंभीर स्थिति से गुजर रहे हैं। यही कारण है कि छात्रों ने संगोष्ठी, सेमिनार तथा विभिन्न शहरों एवं गाँवों में भाषण आयोजित कर आवाज उठाने का निश्चय किया है। उन्होंने सभी के जीवन की रक्षा के लिए संघर्ष की योजना बनायी है।
इस अभियान का उद्देश्य "मानव जाति के सिद्धांतों की गरिमा करना है, जिसमें सम्मान के साथ रहना भी शामिल है, जिससे, अब हिंदुत्व समर्थक विचारधारा के राजनीतिकरण के द्वारा लोगों को वंचित किया जा रहा है।
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