2017-08-17 16:56:00

केरल में किशोर ने की आत्महत्या, ब्लू व्हेल गेम का संदेह


केवल, बृहस्पतिवार, 17 अगस्त 2017 (मैटर्स इंडिया): केरल पुलिस ने तिरुवनंतपुरम में एक 16 वर्षीय लड़के की मौत की जांच उस समय शुरू की जब मृतक के परिवार ने संदेह किया कि उसकी मृत्यु ब्लू व्हेल चैलेंज गेम का परिणाम था।

26 जुलाई को थिरुवनंतपुरम के पास विलापिलसला के स्कूल के छात्र ने खुद अपने घर में 26 जुलाई को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। लड़के की मां ने एक मलयालम टीवी चैनल को बताया कि उनके बेटे ने नवंबर में खेल डाउनलोड किया था।

उन्होंने कहा, ″लड़के ने बतलाया था कि खेल के आखिरी चरण में, या तो किसी को आत्महत्या या किसी की हत्या करनी चाहिए। मैं यह सुनकर डर गयी और मेरे बेटे को खेलने से मना की।″

उसने कहा कि लड़के ने एक बार कम्पास का प्रयोग कर खुद को चोट पहुँचायी थी और तैरना नहीं जानने के बावजूद एक नदी में कूद गया था जिसको बाद में बचाया गया था।

महिला ने कहा कि इस बड़े कदम को उठाने के पहले, मेरे बेटे ने अपने मोबाईल से गेम को हटा दिया। पुलिस ने कहा कि परिवार द्वारा बयान दर्ज किए जाने पर जांच चल रही है।

केंद्र सरकार ने 'खतरनाक' ऑनलाइन गेम के लिंक को तुरंत हटाने के लिए इंटरनेट की  बड़ी कंपनियों - गूगल, फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टामा, माइक्रोसॉफ्ट और याहू को निर्देशित किया है, जो भारत और अन्य देशों में बच्चों के आत्महत्या का कारण बताया जा रहा है।

12 अगस्त को, केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने केंद्र से आग्रह किया था कि वह "बहुमूल्य जीवन को बचाने के लिए″ देश में ब्लू व्हेल चैलेंज पर प्रतिबंध लगाने के लिए तत्काल कदम उठाए"।

ब्लू व्हेल गेम या ब्लू व्हेल चैलेंज को एक आत्महत्या का गेम माना जाता है जिसमें प्रशासक का एक समूह या एक निश्चित क्यूरेटर 50 दिनों की अवधि तक रोज़ाना पूरा करने के लिए एक कार्य देता है - जिसके अंतिम भाग में भागीदार आत्महत्या कर लेता है। इस गेम में प्रतिभागियों को कई चुनौतियों को पूरा करना पड़ता है और कार्यों के फोटो साझा करने की अपेक्षा की जाती है।

इसके लिए शुरू आसान काम दिये जाते हैं- जैसे कि कुछ विशिष्ट संगीत सुनना, रात के विचित्र पहर में जागना, डरावना फिल्म देखना आदि जो धीरे-धीरे अपनी त्वचा, स्व-विघटन और अंततः आत्महत्या की ओर ले जाती है।








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