2017-08-16 16:26:00

धर्म के नाम पर हिंसा का मोदी ने किया बहिष्कार


भारत, बुधवार, 16 अगस्त 2017 (वीआर अंग्रेजी): भारत की 71वीं स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधान मंत्री नरेद्र मोदी ने दिल्ली के लालकिला पर तिरंगा फहराया तथा लालकिले के प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए अपील की कि वह धार्मिक हिंसा का बहिष्कार करे।

अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों की एक श्रृंखला के बाद इस बात पर बहस फैली है कि क्या हिंदू राष्ट्रवाद का उदय देश के धर्मनिरपेक्ष आदर्शों को कम कर रहा है? 

देश की आजादी की 70वीँ वर्षगाँठ पर अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार से लड़ने की बात करते हुए उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों को भी सूचीबद्ध किया। भाषण में उन्होंने विदेश नीति पर हल्का प्रकाश डाला तथा कट्टर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान या चीन का कोई जिक्र नहीं किया। चीन के साथ एक क्षेत्रीय विवाद के कारण भारत ने उत्तरी सीमा पर अपने सैकड़ों सैनिकों को लगभग दो महीने से तैनात किया है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से अपील की कि वे आपसी मेल-मिलाप को बढ़ाएं। उन्होंने हर संप्रदाय, धर्म, जाति और गरीब को एक साथ लेकर देश को आगे बढ़ाने को कहा, देश की एकता को कायम रखने के लिए उन्होंने नारा दिया, 'तब भारत छोड़ो का नारा था, अब भारत जोड़ो'।

मोदी ने हिन्दू चरमपंथियों द्वारा हमले के खिलाफ बातें की जिनमें से कई भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं। हिंसक हमला हिन्दूओं द्वारा पवित्र माने जाने वाले गाय को मुसलमानों एवं निचली जाति के हिन्दूओं द्वारा मार डाले जाने अथवा व्यापार करने के आरोप पर अंजाम दिया जाता है किन्तु मंगलवार को इस हिंसा का विरोध करना महत्वपूर्ण था।

उन्होंने कहा, ″कभी-कभी आस्‍था के नाम पर धैर्य के अभाव में कुछ लोग ऐसी चीजें कर बैठते हैं, जो समाज के ताने-बाने को बिखेर देती हैं। देश शांति, सद्भावना और एकता से चलता है। जातिवाद का जहर, सम्‍प्रदायवाद का जहर, देश का कभी भला नहीं कर सकता है। ये तो गांधी की भूमि है, बुद्ध की भूमि है, सबको साथ ले करके चलना; यही इस देश की संस्‍कृति और परम्‍परा का हिस्‍सा है। हमें इसको सफलता से आगे बढ़ाना है और इसलिए आस्‍था के नाम पर हिंसा को बल नहीं दिया जा सकता है।″

मोदी ने अपने भाषण में गोरखपुर में विगत सप्ताह हुए बच्चों की मृत्यु पर भी दुःख व्यक्त किया।

देश की स्वतंत्रता दिवस पर नरेद्र मोदी का यह चौथा भाषण था। उन्होंने इस अवसर पर राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महत्मा गाँधी को भी श्रद्धांजलि अर्पित की।








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