2017-08-14 17:00:00

अप्रवासियों के स्वागत हेतु संत पापा का प्रोत्साहन


वाटिकन सिटी, सोमवार, 14 अगस्त 2017 (रेई): स्वीकृति एवं एकात्मता की संस्कृति को बढ़ावा देना बड़ी उदारता है क्योंकि यह लोगों के बीच शांति एवं भाईचारा को प्रोत्साहन देना है। यह बात संत पापा फ्राँसिस ने ″भूमध्यसागर: भाईचारा का एक द्वार″ पर अंतरराष्ट्रीय सभा में भाग ले रहे प्रतिभागियों से कही। यह सभा लूका के उजेंटो संत मरिया धर्मप्रांत द्वारा विभिन्न संस्थाओं और संगठनों के संयुक्त पहल पर आयोजित की गयी थी। सभा का समापन 14 अगस्त को हुआ जिसमें 31 देशों के कुल 250 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

उजेंटो संत मरिया धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष वितो अनजुली को प्रेषित अपने पत्र में संत पापा ने भूमध्यसागरीय देशों के ख्रीस्तीय समुदाय एवं युवाओं तथा सद् इच्छा रखने वाले लोगों को प्रोत्साहन देते हुए कहा है कि अप्रवासी भाई-बहनों की उपस्थिति, मानवीय विकास, मुलाकात, वार्ता और साथ ही साथ सुसमाचारी सदगुण उदारता का साक्ष्य देने का एक सुन्दर अवसर बन सकता है।

संत पापा ने ″लूका कार्ड″ द्वारा धर्मप्रांत के पहल की सराहना की जो एक ऐसा दस्तावेज है जिसके माध्यम से सभा में शामिल युवा दुनिया भर के ताकतवर लोगों से शांति को प्रोत्साहन देने की मांग करेंगे और हथियारों को बंद करने तथा युद्ध से भागने वाले लोगों की मानवीय अवश्यकताओं की पूर्ति हेतु खुद को समर्पित करेंगे।

सभा में इताली काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन, करीतास इटली, पैक्स ख्रीस्ती, फोकसिव के सदस्यों एवं अप्रवासियों ने भाग लिया था। गत रात युवा प्रतिभागियों ने लेचे प्रांत के अलेस्सानो स्थित डॉन तोनिनो बेल्लो की कब्र से लूका के संत मरिया महागिरजाघर तक की तीर्थयात्रा की।

″भूमध्यसागर: भाईचारा का एक द्वार″पर सभा 10 से 14 अगस्त तक आयोजित की गयी थी। 








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