2017-07-26 15:42:00

युद्ध में हजारों लड़कियाँ महिलाएँ और पुरुष यौन शोषण के शिकार


जूबा, बुधवार, 26 जुलाई 2017 (फीदेस) :  हजारों महिलाओं, लड़कियों और पुरुषों को जाति के आधार पर चुनकर बड़े पैमाने पर यौन उत्पीड़न किए गए। युगांडा के शरणार्थी शिविर में रहने वाली दक्षिण अफ्रीका की 168 यौन शोषण पीड़ित महिलाओं के साथ लिए गये साक्षात्कार के आधार पर दिये गये रिपोर्ट की  अंतरराष्ट्रीय इम्मेन्स्टी ने दक्षिण अफ्रीका में हुए यौन दुराचार की कड़ी निंदा की।

दक्षिण सूडान में दिसंबर 2013 से ही गृह युद्ध जारी है एक तरफ राष्ट्रपति साल्वा कीर, एक दिंका, की सरकार-समर्थक शक्तियाँ हैं और दूसरी तरफ पूर्व प्रथम उपराष्ट्रपति रईक मशार, एक नूर, और उनके समर्थक सशस्त्र समूह है। अंतरराष्ट्रीय इम्मेन्स्टी के "चुप न रहें" नामक रिपोर्ट के अनुसार सभी दलों ने शारीरिक और मानसिक रूप से "प्रतिद्वंद्वी" जातीयता को नष्ट करने के लिए एक हथियार के रूप में बलात्कार का सहारा लिया है।

बलात्कार न केवल लड़ाई के दौरान होते हैं, लेकिन शिविरों में भी जहां लाखों शरणार्थी युद्ध क्षेत्रों से भाग कर आते हैं। 16 पुरुषों ने साक्षात्कार में कहा कि उन्हें बधिया किया गया था कुछ हमले उन्हें आतंकित करने के लिए किये गये थे। कुछ पीड़ितों के साथ नीच और शर्मिंदगीपूर्ण कृत्य किये गये थे और कुछ मामलों में प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक समूहों के लोगों को प्रजनन रोकने के लिए बाध्य किया गया था।

पिछले साल जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक 70 प्रतिशत महिलाओं का राजधानी जूबा के यू.एन. शिविरों में गृह युद्ध की शुरुआत के बाद कथित रूप से बलात्कार किया गया है।

 








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