2017-07-06 14:55:00

मुलाकात की संस्कृति के लिए खुलापन आवश्यक


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 6 जुलाई 17 (वीआर अंग्रेजी): संत पापा फ्राँसिस ने बुधवार को येरूसालेम में आयोजित स्कोलास ऑकरेंत्स सम्मेलन को एक संदेश भेजा। सम्मेलन में ″कॉलेज और स्कूल के बीच, मुलाकात की संस्कृति द्वारा शांति के निर्माण″ विषय पर प्रकाश डाला गया।  

अपने संदेश में संत पापा ने सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहन दिया जो इस्राएल, फिलिस्तीन एवं अन्य देशों से आये थे। उन्होंने कहा, ″मैं येरूसालेम में आयोजित इन दिनों को आनन्द पूर्वक याद करना चाहता हूँ क्योंकि आप ने आरम्भ से ही अपनी विविधताओं के बावजूद एकता को प्राप्त किया है।″ 

संत पापा ने एक-दूसरे के प्रति पूर्वाग्रह की भावना नहीं रखने हेतु उनकी सराहना की तथा कहा कि यह भावना आवश्यक है क्योंकि यह मुलाकात को बढ़ावा देता है और यह मुलाकात हमारे जीवन को अर्थ और उद्देश्य प्रदान करता है, खासकर, यह इसलिए आवश्यक है क्योंकि हमारे जीवन का अर्थ इसी में है कि हम मनाने की आवश्यकता महसूस करते हैं। इससे भी बढ़कर यह अर्थ हमें एक अनुभव, आभार एवं मनोभाव की ओर प्रेरित करता है। यही मनोभाव है जिसको स्कोलास ने शिक्षा के मूल तत्व के रूप में प्राप्त किया है जो हमें अपरिचित व्यक्ति के लिए खोल देता, पूर्वाग्रह से मुक्त करता हमें स्वप्न देखने एवं नये राह की खोज करने देता है। यही कारण है कि हम प्रौढ़, अपने बच्चों एवं युवाओं से स्वप्न देखने एवं खेलने की क्षमता को नहीं रोकते। जो कुछ मायने में चलता फिरता स्वप्न है।

संत पापा ने कहा कि येरूसालेम में आयोजित सम्मेलन हमारे कर्तव्य की शिक्षा देता है कि हम युवाओं को सुनें, उन्हें आशा प्रदान करें ताकि उनका स्वप्न विकसित हो तथा दूसरों के बीच बांटा जा सके। बांटा गया स्वप्न एक आदर्श समाज की कल्पना उत्पन्न कर सकता है। स्कोलास का आदर्श स्वप्न है मुलाकात की संस्कृति उत्पन्न करना जो लोगों को एकरूपता के लिए नहीं किन्तु सामंजस्य के लिए प्रेरित करता है।

संत पापा ने अपने संदेश में प्रौढ़ लोगों को धन्यवाद दिया जिन्होंने अपने को बंद नहीं कर लिया बल्कि सुनने की सेवा के लिए अपने को तत्पर रखा। संत पापा ने युवाओं को स्वप्न देखने, अर्थ की खोज करने, निर्माण करने और मनाने के लिए धन्यवाद दिया। अपने मन, हृदय और हाथों को अर्पित करने के लिए शुक्रिया अदा की ताकि मुलाकात की संस्कृति वास्तविकता में परिणत हो सके।

स्कोलास ऑकरेन्त्स फाऊँडेशन की शुरूआत संत पापा फ्राँसिस ने 13 अगस्त 2013 को की थी। यह परमधर्मपीठ की ओर से एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसका प्रमुख उद्देश्य है शिक्षा, तकनीकी, कला एवं खेल के द्वारा, शांति हेतु मुलाकात की संस्कृति को प्रोत्साहन देना।








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