2017-07-01 15:58:00

धार्मिक असहिष्णुता के खिलाफ देशभर में रैली


नई दिल्ली, शनिवार, 1 जुलाई 2107 (ऊकान): भारत में बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता के खिलाफ ख्रीस्तीयों सहित अन्य धर्मों के हज़ारों लोगों ने देशभर में रैली की तथा नफरत के कारण हिंसा के शिकार लोगों के प्रति एकात्मता व्यक्त की। 

28 जून को भारत की राजधानी दिल्ली समेत भारत में कई जगह हिन्दूत्व एवं देशभक्ति के नाम पर भीड़ के हाथों लोगों की हत्या के बढ़ते मामलों के ख़िलाफ़ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हुए।  

संयुक्त ख्रीस्तीय मंच के अध्यक्ष माईकेल विलियम ने ऊका समाचार से कहा, भारत का एक छोटा दल चाहता करता है कि हर भारतीय उनके द्वारा संचालित एक ही संस्कृति एवं जीवन शैली का अनुसरण करे″ जिसको वे भारतीय संस्कृति के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा, ″ऐसा नहीं हो सकता, न मेरे नाम पर और न ही संविधान के नाम पर। भारत और भारतीयों के नाम पर ऐसा युद्ध न किया जाए। निर्दोष लोगों की हत्या कर आप भारत के संविधान की रक्षा नहीं कर रहे हैं।″ 

हाथ में बैनर और राष्ट्रीय झंडे लेकर विद्यार्थियों, कलाकारों, राजनीति तथा धार्मिक नेताओं ने नई दिल्ली में मौन जूलुस में भाग लिया। 

प्रदर्शन 17 साल के एक मुस्लिम युवक की ट्रेन में भीड़ द्वारा हत्या के छः दिनों बाद आयोजित की गयी थी। मुस्लिम युवक एवं उसके तीन भाई ईद त्योहार के लिए समान खरीदने के बाद नई दिल्ली से वापस गाँव लौट रहे थे।

पुलिस की रिपोर्ट अनुसार चारों भाइयों के लिए धर्म के नाम पर अपशब्द का प्रयोग किया गया एवं उन्हें मांस खाने वाले तथा हमलावर की संज्ञा दी गयी। नई दिल्ली से 20 किलो मीटर की दूरी पर  उन्हें ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया।

भारत के मशहूर गायक रब्बी शेरगिल ने कहा, ″नफरत के कारण हत्याओं से असहिष्णुता को बढ़ावा मिलता है जो हुआ वह सचमुच बहुत परेशान करने वाला है।″  

शेरगिल ने कहा कि सभी भारतीयों को इस क्रूरता के लिए चुनौती देना तथा इसके विरुद्ध खड़ा होना चाहिए। 

2015 के बाद से, देश भर में कई लोग धार्मिक असहिष्णुता से संबंधित तमाम घटनाओं के शिकार हुए हैं, जो आमतौर पर मामूली मुद्दों के परिणाम हैं।

4 अप्रैल 2015 को एक मुस्लमान को इस संदेह पर इसलिए पीट-पीट कर मार डाला गया कि वह गायों का तस्करी करता था। 2015 में गाय जो हिन्दूओं द्वारा पवित्र माना जाता है उसके कारण हिन्दू चरमपंथियों द्वारा कम से कम बारह लोगों की हत्या हुई है।

झारखंड राज्य में 18 मई को, 20 युवकों की एक भीड़ ने चार लोगों की हत्या कर दी जिनपर अफवाह थी कि वे बाल तस्करी में शामिल थे। 2015 और 2016 में मुसलमानों और ईसाइयों के खिलाफ भीड़ द्वारा हिंसा की कई घटनाएं दर्ज की गई हैं।

धर्मनिरपेक्ष नेताओं का कहना है कि हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए काम कर रहे हिंदू चरमपंथी समूह तब से बढ़ी है जब से हिंदुत्ववादी भारतीय जनता पार्टी 2014 में बहुमत के साथ सत्ता में आई थी।

नई दिल्ली के एक विद्यार्थी मोहम्मद अमीर ने ऊका समाचार से कहा, ″देश में अशांति बढ़ रही है अतः इस तरह के विरोध प्रदर्शन में भी वृद्धि होनी चाहिए ताकि देश के हर हिस्से से लोग यह प्रकट कर सकें कि वे एकजुट हैं।

इसी तरह के विरोध प्रदर्शन मुम्बई, कलकत्ता, हैदराबाद, बैंगलोर, तिरुवनंतपुरम, कोची, पटना तथा लखनाऊ में भी आयोजित किये गये थे। आने वाले दिनों में देश के अन्य हिस्सों में भी विरोध प्रदर्शन होने की संभावना है। 








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