2017-06-26 16:04:00

पूर्वोत्तर भारत में शांति हेतु महाधर्माध्यक्ष की ख्रीस्तीय एकता वर्धक प्रार्थना


गुवाहाटी, सोमवार, 26 जून 2017 (वीआर अंग्रेजी) : पूर्वोत्तर भारत में एक अंतर-सांप्रदायिक ख्रीस्तीय संगठन ने अशांत क्षेत्र में शांति हेतु अथक प्रयासों के लिए जानेमाने सेवानिवृत्त महाधर्माध्यक्ष की ख्रीस्तीय एकता वर्धक प्रार्थना की पहल का स्वागत किया है।

मेघालय के जोवाई धर्मप्रांत के पूर्व अपोस्टोलिक प्रशासक एवं गुवाहाटी महाधर्मप्रांत के सेवानिवृत महाधर्माध्यक्ष थोमस मेनापाराम्पिल ने बोंगाईगांव के काथलिक गिरजाघर में हुए तोड़-फोड़ और बर्बरतापूर्ण कृत्यों के बाद सभी कलीसियाओं और मित्रों के साथ मिलकर प्रत्येक माह के शुरू में "समुदायों के बीच शांति और सद्भाव के लिए एक विशेष ख्रीस्तीय एकता वर्धक प्रार्थना" का प्रस्ताव किया है।

देश में पूर्वोत्तर भारत का यह क्षेत्र सबसे अशांत क्षेत्र है। इस क्षेत्र में शांति हेतु की गई इस पहल का पूर्वोत्तर भारत की संयुक्त ख्रीस्तीय संघ, काथलिकों, बैप्टिस्ट समुदायों द्वारा इसका उत्साह के साथ स्वागत किया गया। महाधर्माध्यक्ष मेनापाराम्पिल ने एशियान्यूज से कहा कि पूरे क्षेत्र में उसके द्वारा लिखी की गई प्रार्थना का पाठ अगस्त महीने से शुरु किया जाएगा। सेल्सियन महाधर्माध्यक्ष के अनुसार, "बोंगईगांव में हुए दर्दनाक अपराधिक कृत्यों के बाद स्थानीय स्तर पर इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम, सभा-सम्मेलन और प्रार्थना सभा आदि द्वारा शांति हेतु प्रयासों की पहल की गई है।" 20 जून को अज्ञात लोगों ने विश्व के प्रकाश महागिरजाघर के ताबूत को तोड़कर पवित्र साक्रामेंट को जमीन पर फेंक दिया और अपवित्र कर दिया था, साथ ही वहाँ रखी दान पेटिका को तोड़कर सारे रुपये ले गये थे।

पूर्वोत्तर भारत की संयुक्त ख्रीस्तीय संघ ने महाधर्माध्यक्ष थोमस द्वारा शांति प्रार्थना के प्रयासों का स्वागत करते हुए एक बयान जारी किया है जो इस प्रकार है, "सभी ख्रस्तीयों, मंडलियों, मित्रों, संस्थानों, स्कूलों, कलीसियाओं और संगठनों से एक आवेशपूर्ण अपील है कि हमारे देश और समाज में शांति और सद्भाव के लिए प्रत्येक माह के पहले दिन प्रार्थना अगस्त 2017 से शुरु होगी। संघ द्वारा हर किसी को आमंत्रित किया गया कि अपने काम पर, स्कूल में या गिरजाघरों में, व्यक्तिगत या सामूहिक रुप से, जो भी सबसे अधिक सुविधाजनक लगे, कुछ मिनट की मौन प्रार्थना करें।








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