2017-05-22 15:10:00

संत पेत्रुस दामियानी पल्ली में संत पापा, पवित्र आत्मा से दूर न हों


रोम, सोमवार, 22 मई 2017 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने रविवार 21 मई को रोम के संत पेत्रुस दामियानी पल्ली का दौरा किया।

उन्होंने इस प्रेरितिक दौरे में पल्ली के युवाओं एवं बच्चों से मुलाकात की तथा उनके कई सवालों का उत्तर दिया। युवाओं से मुलाकात के उपरांत उन्होंने बीमार, नवदीक्षित ख्रीस्तीय एवं करीतास द्वारा मदद किये जा रहे गरीब लोगों से भेंट की। संत पापा वहाँ कुछ विश्वासियों के पाप स्वीकार भी सुने एवं ख्रीस्तयाग अर्पित किया।

बच्चों द्वारा संत पापा को पूछे गये सवाल इस प्रकार थे- पुरोहिताई हेतु बुलाहट को आपने किस तरह पहचाना? एक बच्चे के रूप में आपने कौन सा खेल खेला? हम किस तरह येसु का अनुसरण कर सकते हैं? हम किस तरह दुनिया को बचाने हेतु अपना सहयोग दे सकते हैं?

संत पापा ने बच्चों के सवाल का उत्तर देते हुए कहा कि प्रार्थना द्वारा हम येसु को दुनिया को बचाने में मदद दे सकते हैं। दूसरी सलाह के रूप में संत पापा ने बच्चों से कहा कि वे लोगों का सम्मान करें, उनका भी जिन्हें हम पसंद नहीं करते। उन्होंने कहा कि आनन्द के साथ जीने के द्वारा भी हम दुनिया को बचाने में येसु को सहायता देते हैं।

बच्चों से मुलाकात के उपरांत उन्होंने चार विश्वासियों का पाप स्वीकार सुना तथा ख्रीस्तयाग अर्पित किया। उन्होंने प्रवचन में संत योहन रचित सुसमाचार से लिए गये पाठ पर चिंतन किया जहाँ येसु शिष्यों से पवित्र आत्मा भेजने की बात करते हैं।

प्रवचन में उन्होंने इस बात पर बल दिया कि पवित्र आत्मा हमारे ही अंदर निवास करते हैं जिनको हम बपतिस्मा संस्कार के समय ग्रहण करते। संत पापा ने कहा कि हम पवित्र आत्मा को रोकने की कोशिश न करें।

उन्होंने कहा, ″आप यह न भूलें कि आपके अंदर पवित्र आत्मा का निवास है। ईश्वर जो हमारा साथ देते, जो हमारा मार्गदर्शन करते, हमें गलत काम करने से बचाते, जो हमें प्रलोभन में पड़ने से रोकते और बुराई से हमारी रक्षा करते हैं।″

उन्होंने कहा कि जिस तरह पवित्र आत्मा हमसे नम्रता और सम्मान के साथ बात करते हैं उसी तरह हम ख्रीस्तीयों को भी दुनिया में व्यवहार करना है। निश्चय ही, शैतान हमें कमजोर करने की कोशिश करता है, हमें भटकाने का प्रयास करता है तथा एक-दूसरे के बीच फूट डालने में लगा रहता है। मगर जो लोग विश्वास में पक्के हैं वे शैतान के हर प्रलोभन पर विजय पाते हैं जिसके सच्चे उदाहरण हैं माता मरिया।

संत पापा ने विश्वासियों से आग्रह किया कि हम ईश्वर से उस कृपा की याचना करें जिसके द्वारा हम हमारे अंदर निवास करने वाले पवित्र आत्मा को पहचान सकें, उदास नहीं हों किन्तु ख्रीस्तीयों एवं गैर ख्रीस्तीयों सभी के प्रति अच्छा मनोभाव रखें, सभी के साथ सम्मान एवं मधुरता से पेश आयें क्योंकि पवित्र आत्मा हमारे साथ सम्मान एवं विनम्रता से पेश आते हैं।








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