वाटिकन सिटी, शनिवार, 20 मई 2017 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 20 मई को ″चेंतेसिमुस अन्नुस प्रो पोंतेफिचे″ फाऊँडेशन के 250 सदस्यों से वाटिकन स्थित क्लेमेंटीन सभागार में मुलाकात की।
चेनतेसिमुस अन्नुस संत पापा जॉन पौल द्वितीय द्वारा 1991 में प्रकाशित प्रेरितिक विश्व पत्र है जिसे उन्होंने संत पापा लेओ 13वें द्वारा 1891 में प्रकाशित प्रेरितिक पत्र ‘रेरूम नोवारूम’ के सौ साल पूरा होने के उपलक्ष्य में किया था।
संत पापा ने फाऊँडेशन के सदस्यों को सम्बोधित कर कहा, ″मैं आपके उस प्रयास की सराहना करता हूँ जिसमें आप नए मानदंडों और प्रौद्योगिकी से प्राप्त शक्ति के रूप में, अस्थायी संस्कृति और जीवन शैली को लागू करने वाली नैतिक चुनौतियों का सामना करने के लिए, जो गरीबों की उपेक्षा और दुर्बलों को तुच्छ करती हैं, अर्थव्यवस्था, प्रगति तथा व्यापार को समझने हेतु दूसरे उपायों को खोजने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कई लोग समस्त मानव परिवार के स्थायी एवं पूर्ण विकास हेतु उसे एक साथ लाने में प्रयासरत हैं क्योंकि हम जानते हैं कि चीजें बदल सकती हैं। संत पापा ने कहा कि उनका न्यास भी इस कार्य में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है, खासकर, कलीसिया के समृद्ध धरोहर सामाजिक सिद्धांत के प्रकाश में तथा ″रचनात्मक विकल्प" के लिए विवेकशील खोज के द्वारा। भले लोगों के साथ मिलकर, वे मानव व्यक्ति की कसौटी की, उसकी प्रतिष्ठा, स्वतंत्रता तथा रचनात्मकता द्वारा आर्थिक विकास हेतु समर्पित हैं।
संत पापा ने फाऊँडेशन के वक्तव्य पर गौर करते हुए कहा कि गरीबी के विरूद्ध संघर्ष, मानवीय रूप में गरीबी की वास्तविकता को बेहतर समझने की मांग करती है, न कि केवल आर्थिक घटना।
समग्र मानव विकास को प्रोत्साहन, संवाद एवं लोगों की ज़रूरतों और आशा को समझने, ग़रीबों और "बहुआयामी अतिच्छादित वंचितों" के दैनिक अनुभव को सुनने और ठोस स्थितियों के लिए विशिष्ट प्रतिक्रियाएं तैयार करने की मांग करता है।
संत पापा ने कहा कि इसके लिए समुदायों में मध्यस्थ सर्जनाओं की आवश्यकता है जो लोगों और संसाधनों को एक साथ ला सके।
संत पापा ने रोजगार व्यवस्था पर फाँडेशन के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह विकसित और विकासशील दोनों ही तरह के राष्ट्रों के लिए एक गंभीर समस्या बन चुकी है और जिसका सामना किया जाना आवश्यक है। संत पापा ने उन्हें नई तकनीकी के विकास, बाज़ारों के परिवर्तन तथा कर्मचारियों की वैध आकांक्षाओं पर गौर करते हुए न केवल व्यक्तिगत किन्तु परिवारों को भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बतलायी।
उन्होंने ″चेंतेसिमुस अन्नुस प्रो पोंतेफिचे″ फाऊँडेशन के सभी प्रयासों के लिए उन्हें प्रोत्साहन देते हुए, उनके कार्यों को सुसमाचार एवं कलीसिया की सामाजिक शिक्षा के प्रकाश में आगे बढ़ाने की सलाह दी।
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