2017-05-17 15:57:00

धर्माध्यक्षों ने मीडिया संस्थान को सभी के लिए खोल दिया


नई दिल्ली, बुघवार 17 मई 2017 (उकान) : भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षों द्वारा 20 साल पहले संचार संस्थान को शुरु किया गया था जिसमें प्रेरितिक कार्यों हेतु संचार में प्रशिक्षित करने लिए पुरोहितों और धर्मबहनें को प्रशिक्षण दी जाती थी पर इसे अब सभी के लिए खोल दिया गया है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल कम्युनिकेशन एंड रिसर्च ट्रेनिंग (एनआईएससीएआरए) के वर्तमान निर्देशक फादर जोस मुरिकेन ने कहा कि प्रारंभ में संस्थान "एक कॉलेज परिसर का माहौल देने में विफल रही" और कई लोगों ने इसे कथलिकों का धार्मिक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में लिया।

इस संस्थान को प्रेरितिक कार्यों हेतु संचार में प्रशिक्षित करने लिए पुरोहितों और धर्मबहनों को विदेशों में भेजने की बजाय भारत में ही शुरू किया गया था पर अब हमने अपने मनोभाव को बदल दिया है और हम काथलिकों के लिए कुछ प्राथमिकता देते हुए इसे सभी के लिए खोलना चाहते हैं।

फादर मुरिकेन ने उका समाचार से कहा, ″वर्ष 1997 में इस संस्थान को शुरू किया गया और इन वर्षों के दौरान संस्थान के बुनियादी ढांचों,  पुस्तकालय और ऑडियो-विश्वल स्टूडियो को विकसित किया गया है। यदि विद्यार्थी हमारे पास नहीं हैं तो ये सब बेकार हो जाएंगी।″

दो साल पहले तक, राजधानी दिल्ली के एक उपग्रह शहर, गाजियाबाद में स्थित संस्थान में प्रेरिताई कार्यों हेतु संचार के अल्पकालीन कोर्स दिये गये थे। 250 विद्यार्थियों ने कोर्स किया, जिसमें पुरोहितों और धर्मबहनों की संख्या 200 थी।

सन् 2005 से इस संस्थान ने पत्रकारिता, ऑडियो/विश्वल और प्रसारण में दो साल का स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू किया। जिसमें 154 छात्रों को भर्ती कराया गया। उनमें से केवल 80 परोहित और धर्मबहनें थी।

स्नेहा पौल जिसने इस संस्थान में दो साल का स्नातकोत्तर पढ़ाई खत्म किया, ने उका समाचार से कहा कि एक साल पहले पुराने संकाय की वजह से उनके बैच को काफी परेशानी उठानी पड़ी थी " नये संकाय के साथ स्थिति में सुधार हुआ है। नया बैच इसका फायदा उठायेगा।″








All the contents on this site are copyrighted ©.