2017-05-13 11:00:00

मनपरिवर्तन लानेवाले साधारण बच्चों को सन्त पापा ने किया सम्मानित


फातिमा, पुर्तगाल शनिवार, 13 मई 2017 (सेदोक): पुर्तगाल के फातिमा मरियम तीर्थ के महागिरजाघर के विशाल प्राँगण में ख्रीस्तयाग के अवसर पर शनिवार, 13 मई को लगभग दस लाख श्रद्धालुओं की उपस्थिति में, सन्त पापा फ्राँसिस ने, फाँसिसको मार्तो एवं जसिन्ता मार्तों, दो साधारण बच्चों को सन्त घोषित कर वेदी का सम्मान प्रदान किया। 

लूसिया दोस सान्तोस के साथ धन्य फ्राँसिसको मार्तो एवं धन्य जसिन्ता मार्तो वही चरवाहे बच्चे हैं जिन्होंने अपने बाल्यकाल में, सन् 1917 ई. में, कई बार मरियम के दिव्य दर्शन प्राप्त किये थे। उस समय लूसिया की उम्र 10 वर्ष की तथा उनके चचेरे भाई बहन फ्राँसिसको एवं जसिन्ता की उम्र 9 एवं 07 वर्ष की थी। 100 वर्ष पूर्व इन निर्धन चरवाहे बच्चों को मिले मरियम दर्शन 20 वीँ शताब्दी के काथलिक कलीसियाई इतिहास का एक प्रमुख एवं महत्वपूर्ण अध्याय बन गया है।

फातिमा की तरह ही विश्व में अनेकानेक मरियम को समर्पित तीर्थस्थल हैं जैसे मुम्बई में माऊन्ट मेरीज़, वेलांकनी में स्वास्थ्य की रानी मरियम तीर्थ, फ्राँस में लूर्द, बोस्निया-एर्जेगोविना में मेद्जूगोर तथा लातीनी अमरीका में ग्वादालूपे जहाँ अलग-अलग अवसरों पर बच्चों एवं युवाओं ने मरियम के दर्शन प्राप्त किये हैं किन्तु काथलिक कलीसिया के धर्माधिकारियों का कहना है कि फातिमा की स्थिति सबसे भिन्न है।

फातिमा तीर्थयात्रा की पूर्व सन्ध्या सन्त पापा फ्राँसिस ने एक विडियो सन्देश जारी कर विश्वासियों को प्रार्थना हेतु आमंत्रित किया था। उन्होंने कहा था, "हम सब एकसाथ मिलकर एक हृदय एवं एकप्राण हो जायें, तब मैं आप सबको भी माँ मरियम के चरणों के सिपुर्द करूँगा और उनसे याचना करूँगा कि वे हममें से प्रत्येक के कानों में फुसफुसायेः "मेरा निष्कलंक हृदय तुम्हारा शरणस्थल होगा तथा वह पथ जो ईश्वर तक अग्रसर करता है।"








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