2017-05-06 16:05:00

संत पापा ने किया स्वीस गार्ड के नये सदस्यों का स्वागत


वाटिकन सिटी, शनिवार, 6 मई 2017 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार, 6 मई को वाटिकन स्थित कलेमेंटीन सभागार में परमधर्मपीठ के विशेष रक्षा दल स्वीस गार्ड हेतु नये सुरक्षा बलों की नियुक्ति समारोह के अवसर पर, उनका स्वागत करते हुए उन्हें शुभकामनाएँ दीं।

उन्हें सम्बोधित कर संत पापा ने कहा, ″इस समारोह के दिन आप लोगों से मुलाकात कर मैं प्रसन्न हूँ तथा उन नवनियुक्त जवानों का अभिवादन करता हूँ जो अपनी युवावस्था के कुछ साल संत पेत्रुस के उतराधिकारी की सेवा में बितायेंगे।″

संत पापा ने कहा, ″हरेक साल की भांति, आप दुखद किन्तु ‘साक्को दी रोमा’ की याद करते हैं जब स्वीस सुरक्षा बल ने संत पापा की रक्षा में अदम्य साहस के साथ अपने प्राणों की आहूति दी थी। आज आप उस शारीरिक बलिदान के लिए नहीं किन्तु दूसरे प्रकार के बलिदान के लिए बुलाये जा रहे हैं जो कम कठिन नहीं हैं अर्थात् विश्वास की रक्षा करने के लिए। यह इस पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार की शक्तियों से रक्षा करने हेतु आवश्यक सुरक्षा बल है, सबसे बढ़कर, दुनिया के उस राजा से लड़ना है जो झूठ का पिता है। संत पेत्रुस के अनुसर वह उस शेर की तरह है जो घूमता रहा ताकि लोगों को नष्ट कर सके।   

संत पापा ने स्वीस सुरक्षा बल से कहा कि वे दृढ़ और साहसी बनें। ख्रीस्त के विश्वास एवं उनकी मुक्तिदायी वचनों से बल प्राप्त करें। उन्होंने कहा, ″कलीसिया में आप की उपस्थिति तथा वाटिकन में महत्वपूर्ण सेवा, ख्रीस्त के साहसी सैनिक की तरह बढ़ने हेतु एक सुनहरा अवसर है″ ताकि तीर्थयात्री एवं पर्यटक जिनसे आपकी मुलाकात होती है वे आपमें रचनात्मकता, परिशुद्धता और उत्तरदायित्व की गंभीरता का अनुभव कर सकें। साथ ही साथ एक उदार ख्रीस्तीय एवं विशुद्ध जीवन का साक्ष्य पा सकें।

संत पापा ने उन्हें निमंत्रण दिया कि वे इस अनन्त शहर में उदार भाईचारा तथा आदर्श ख्रीस्तीय जीवन जीते हुए, एक-दूसरे को सहयोग देने में बितायें जो विश्वास द्वारा प्रेरित हो। संत पापा ने कलीसिया के प्रति उनके मिशन की याद दिलाते हुए कहा कि यह मिशन उन्हें परमधर्मपीठ तथा कलीसिया द्वारा बपतिस्मा के माध्यम से सौंपा गया है जो उन्हें उस ख्रीस्त पर विश्वास हेतु बल प्रदान करता है जो मर गये और पुनः जी उठे हैं।   

संत पापा ने कहा कि सुरक्षा बल को ईश प्रजा के लिए, मिशनरी शिष्य की भांति एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करनी है, उन्हें जहाँ वे कार्य करते हैं अथवा जहाँ वे तैनात किये गये हैं वहां सुसमाचार का साक्ष्य प्रस्तुत करना है। भले ही छोटे चिन्हों और हावभाव के द्वारा किन्तु हमेशा नया अर्थ देते हुए उसे प्रस्तुत करना महत्वपूर्ण है। इस प्रकार एक कुशल व्यवहार शैली का निर्माण होगा जो आपसी सौहार्द तथा अधिकारियों के साथ सम्मान पूर्ण भाव में बढ़ने हेतु मदद देगा और जो आतिथ्य सत्कार, दयालुता एवं धीरज की भावना के रूप में प्रकट होगा।

संत पापा ने स्वीस गार्ड के सभी जवानों से अपील की कि वे तत्परता के गुण में बढ़ें जिससे कि वे संत पापा एवं वाटिकन की सेवा के मूल्यवान कार्य को आगे ले सकें। संत पापा ने उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया एवं शुभकामनाएं अर्पित की।

स्वीस गार्ड की वाटिकन में सेवा की यह छटवीं शतवर्षीय जयन्ती है।  








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