2017-05-05 12:20:00

म्यानमार की काथलिक कलीसिया परमधर्मपीठ के साथ सम्बन्धों से सन्तुष्ट


म्यानमार, शुक्रवार, 5 मई 2017 (सेदोक): म्यानमार के काथलिक धर्माध्यक्षों ने म्यानमार एवं परमधर्मपीठ के बीच स्थापित सम्बन्धों पर सन्तोष व्यक्त किया है। बर्मा के विदेश मंत्री की परामर्शदाता श्रीमती आऊँग सान सूकी की 04 मई को सन्त पापा फ्राँसिस के साथ मुलाकात तथा दोनों राष्ट्रों के बीच कूटनैतिक सम्बन्धों की स्थापना की घोषणा के बाद काथलिक धर्माध्यक्षों ने इस वर्ष को "शांति का वर्ष" घोषित किया।

वाटिकन की सुसमाचार प्रचार सम्बन्धी परिषद की प्रेस एजेन्सी फीदेस समाचार से बातचीत में म्यानमार के धर्माध्यक्षों की ओर से पाथेन धर्मप्रान्त के धर्माध्यक्ष जॉन सेन हेजी ने कहा, "हम इस निर्णय, इस रचनात्मक विकास एवं सकारात्मक परिवर्तन से प्रसन्न हैं। लोगों में विश्वास जागृत हो रहा है।"

उन्होंने कहा कि इस बात को ध्यान में रखा जाना चाहिये कि इस समय सत्तारूढ़ सरकार केवल एक साल से प्रभावी है और इस प्रकार के जटिल मुद्दों के सामाधान में कई वर्षों का समय लग सकता था। धर्माध्यक्ष ने श्रीमती सूकी के प्रति भी धन्यवाद ज्ञापित किया जो आरम्भ ही से न्याय एवं मानवाधिकारों के सम्मान की पैरवी करती रही हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को विश्वास है कि श्रीमती सूकी जनकल्याण एवं विकास के लिये काम करती रहेंगी।

म्यानमार के समक्ष प्रस्तुत चुनौतियों को गिनाते हुए धर्माध्यक्ष हेजी ने कहा कि सर्वाधिक गम्भीर चुनौती अल्पसंख्यक जातियों के साथ बने तनावों एवं संघर्षों को समाप्त करना है।

ग़ौरतलब है कि सैन्य दलों एवं विभिन्न अल्पसंख्यक जातियों के विद्रोहियों के बीच जंग जारी है। 24 मई को याँगून में एक राष्ट्रीय बैठक बुलाई गई है ताकि युद्ध विराम पर हस्ताक्षर किये जा सकें।

धर्माध्यक्ष हेजी ने आशा व्यक्त की विभिन्न जातियों के प्रतिनिधि दल शांति के पक्ष में इस युद्ध विराम पर हस्ताक्षर करेंगे तथा हथियारों का परित्याग कर इसका अनुपालन करेंगे। उन्होंने इस तथ्य पर बल दिया कि म्यानमार की समस्त जातियाँ एवं यहाँ के सभी धर्मों के लोग शांति की अभिलाषा करते हैं।

रोहिंगिया मुसलमानों पर बोलते हुए धर्माध्यक्ष  ने कहा कि काथलिक कलीसिया उनके प्रति पूर्ण एकात्मता प्रदर्शित करती है तथा उनके दुःख में उनके समीप है।








All the contents on this site are copyrighted ©.