2017-05-05 12:25:00

महाधर्माध्यक्ष ऊरबानज़िक ने की परमाणु अस्त्रों से मुक्त विश्व की कामना


विएना, शुक्रवार, 5 मई 2017 (सेदोक): ऑस्ट्रिया के विएना शहर में परमाणु अस्त्र अप्रसार सन्धि के पुनरावलोकन हेतु 2 से 12 मई तक आयोजित सम्मेलन में परमधर्मपीठ के शिष्ठमण्डल के अध्यक्ष वाटिकन के वरिष्ठ महाधर्माध्यक्ष यानुस ऊरबानज़िक ने कहा कि परमधर्मपीठ अस्त्रों से मुक्त विश्व की कामना करती है तथा इसके लिये काम करने हेतु वह प्रतिबद्ध है।

राष्ट्रों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए महाधर्माध्यक्ष ऊरबानज़िक ने कहा कि इस सम्मेलन में परमधर्मपीठ की उपस्थिति का लक्ष्य "विश्व को परमाणु अस्त्रों से मुक्त बनाने के प्रयास में नैतिक योगदान देना है ताकि परमाणु अस्त्र अप्रसार सन्धि पूर्ण रूपेण लागू की जा सके तथा विश्व में इन हथियारों पर निषेध लगाया जा सके।"       

उन्होंने कहा कि अपने सम्मानित पूर्ववर्तियों के नक्शेकदम पर चलते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने बारम्बार अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वह न केवल युद्ध, संघर्ष और संघर्ष के अंत की तलाश करे, बल्कि प्रभावशाली ढंग से शांति का आलिंगन उसके विकास का प्रयास करे। उन्होंने कहा कि शांति के मूल्य को एक 'सक्रिय सद्गुण'  रूप में मान्यता दी जानी चाहिये जिसमें प्रत्येक व्यक्ति और समाज का सहयोग शामिल हो।

इस बात की ओर उन्होंने ध्यान आकर्षित कराया कि परमाणु अस्त्र सुरक्षा का भ्रम उत्पन्न करते हैं और इसी प्रकार सत्ता के सन्तुलन द्वारा नकारात्मक शांति पाने के प्रयास भी भ्राँतियाँ उत्पन्न करते हैं।

महाधर्माध्यक्ष ऊरबानज़िक ने कहा कि राष्ट्रों को यह अधिकार है और यह उनका दायित्व भी है कि वे अपनी सुरक्षा का प्रबन्ध करें जो सामूहिक सुरक्षा, जनकल्याण एवं शांति से घनिष्ठ रूप से जुड़ी हुई है।

इस सन्दर्भ में उन्होंने कहा, "न्याय, अखण्ड मानव विकास, मूलभूत मानवाधिकार के सम्मान, सृष्टि और पर्यावरण की सुरक्षा, सार्वजनिक जीवन में सबकी भागीदारी, लोगों के बीच परस्पर विश्वास तथा शांति, सम्वाद एवं एकात्मता को प्रोत्साहन देनेवाली संस्थाओं को समर्थन देकर ही शांति का निर्माण किया जा सकता है।"








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