2017-05-04 16:12:00

सभी लोगों के बीच सुसमाचार प्रचार हेतु संचार माध्यमों में सुधार आवश्यक


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 4 मई 2017 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार 4 मई को वाटिकन के सामान्य लोकसभा परिषद भवन में, संचार सचिवालय की प्रथम आमसभा के 40 प्रतिभागियों से मुलाकात की तथा कहा कि वे सुधार तथा बदलाव की चुनौतियों से न घबरायें क्योंकि यह सुसमाचार प्रचार में मददगार होगा।

उन्हें सम्बोधित कर संत पापा ने कहा कि सभा में एक ऐसी विषय पर विचार-विमर्श की जा रही है जो मेरे हृदय में है और मैंने कई बार इस विषय पर चर्चा की है। यह अध्ययन सभी लोगों के लिए एवं विभिन्न संस्कृतियों के बीच करुणा के सुसमाचार प्रचार हेतु नई प्रकार की तकनीकी एवं उपकरणों का है जो संचार के माध्यम से नए डिजिटल सांस्कृतिक संदर्भ को हमारे समकालीनों के लिए उपलब्ध कराता है। 

संत पापा ने कहा कि यह परिषद जो 27 जून का दो साल पूरा करेगी परमधर्मपीठ में संचार प्रणाली पर पुनः विचार करते हुए द्रुत गति से एकीकरण एवं एकात्मक प्रबंधन की दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वाटिकन में नई संचार प्रणाली, कलीसिया की प्रेरिताई की आवश्यकताओं को बेहतर उत्तर दे पायेगी।

उन्होंने नये विभाग की रचना करते समय प्रकाशित अपने प्रेरितिक प्रबोधन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सुधार का अर्थ विभिन्न मंचों का समन्वय या विलय नहीं है किन्तु एक ऐसा एकीकृत प्रबंधन स्थापित करना है जो कलीसिया की प्रेरिताई की आवश्यकता को बेहतर जवाब दे सके। 

संत पापा ने पुराने उपकरणों की याद करते हुए कहा कि विगत वर्षों में हर संचार माध्यम का अपना चैनल होता था, जैसे लेखन, दूरदर्शन तथा ध्वनि एवं संगीत। उन्होंने कहा कि ये सभी प्रकार के संचार माध्यम आज एकल कोड में सम्माहित हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस परिपेक्ष में वाटिकन समाचार पत्र को अपने पाठकों तक पहुँचने हेतु नये एवं अलग तरीक़ों की खोज करनी होगी।

उन्होंने वाटिकन रेडियो के बारे भी कहा कि यह कई वर्षों से द्वार के चिन्ह के रूप में रह गया है जिसे आधुनिक उपकरणों को अपनाते हुए तथा समकालीन आवश्यकताओं को समझते हुए अब उसपर पुनः गौर किये जाने की आवश्यकता है।

संत पापा ने रेडियो को लेकर विभाग के उन प्रयासों की सराहना की जो वह कम तकनीकी उपलब्धता वाले देशों के लिए कर रही हैं।″ उन्होंने सचेत किया कि नई उपकरणों को लागू करने क्रम में पुराने उपकरणों को दरकिनार न किया जाए जिससे कि पुरानी चीजों द्वारा भी भविष्य में आगे बढ़ने का साहस एवं प्रेरणा मिल सके।

उन्होंने कहा, ″इतिहास निश्चय ही मूल्यवान अनुभवों की धरोहर है जिनकी रक्षा की जानी चाहिए तथा भविष्य में आगे बढ़ने हेतु प्रेरणा के रूप में लिया जाना चाहिए। अन्यथा यह मात्र संग्रहालय बन कर रह जायेगा। जिसको देखना रूचिकर एवं सुन्दर जरूर होगा किन्तु यह यात्रा को आगे बढ़ाने हेतु बल और साहस प्रदान नहीं कर पायेगा।″

संत पापा ने विभाग को प्रोत्साहन दिया कि वे सुधार के इस कार्य की सफलता हेतु एक-दूसरे को सहयोग दें एवं साहस पूर्वक आगे बढ़ें ताकि समय की मांग, गरीबी और परेशानी को भी ध्यान में रखते हुए सभी लोगों तक सुसमाचार पहुँचाया जा सके, मानव संसाधनों को मूल्य दिया जा सके तथा स्थानीय कलीसियाओं को मदद मिल सके।

संत पापा ने कहा कि हम महिमामय भूत पर आसक्त रहने के प्रलोभन में न पड़ें बल्कि संचार की चुनौतियों का बेहतर जवाब देने हेतु दल के रूप में नये संचार माध्यमों के कारण उठने वाली चुनौतियों का सामना करें। संत पापा ने सदस्यों से आग्रह किया कि वे इस कार्य को पूरा करने हेतु भाईचारा पूर्ण सहयोग करें।   








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