2017-05-03 15:30:00

श्रीलंका के काथलिकों द्वारा दलदल जमीन में कचड़ा फेंकने पर विरोध प्रदर्शन


कोलोम्बो, बुधवार, 3 मई 2017 (उकान) : श्रीलंका के काथलिकों ने हाल ही में मुथुराजावेला दलदल में कचरा फेंकने के लिए दो विरोध अभियान का आयोजन किया। मुथुराजावेला देश का सबसे बड़ा दलदल जमीन है जो वनस्पति, जीव और पक्षियों की असंख्य प्रजातियों का पनाह देता है। काथलिकों ने कोलोम्बो से 30 किलोमीटर उत्तर पर स्थित पर्यावरण और सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा के मुद्दे को लेकर सरकारी अधिकारियों के साथ बातें की और सामूहिक प्रदर्शन का आयोजन किया।

बोपित्या स्थित संत निकोलस पल्ली के सहायक पल्ली पुरोहित फादर दिनुश ज्ञान ने कहा, ″लोग मुथुराजावेला दलदल जमीन में कचरा फेंकने के लिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि यह विभिन्न जीव-जन्तुओं की प्रजातियों का घर है और प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षेत्र के रूप में बाढ़ को नियंत्रित करता है।"

फादर ने कहा, ″मुथुराजावेला दलदल जमीन में कचरा फेंकने के विरोध में हमने 21 और 22 अप्रैल को दो प्रदर्शन किया। राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों के साथ चर्चा की। कचरे को रोकने के लिए हमने कोलोम्बो के नगरपालिका आयुक्त से भी बातें की। प्रदर्शन पर नियंत्रण रखने के लिए 150 से ज्यादा विशेष कार्य बल पुलिस आई और जबरदस्ती से दलदल भूमि में कचरा फेंका गया।″ फादर ज्ञान हैरान थे कि सरकारी अधिकारियों ने मुथुराजावेला दलदल भूमि में कचरे फेंकने की इजाजत क्यों दी जबकि यह देश और पर्यावरण के लिए इतना महत्वपूर्ण है। सन् 1996 में विशाल जैव विविधता के कारण इसे पशुविहार घोषित किया गया था। यह सबसे घनी आबादी वाले और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र पर स्थित है।

पवित्र परिवार की धर्मबहन रंगीका ने कहा कि दो पुरोहित, छह धर्मबहनें, एक बौद्ध भिक्षु और 1,000 से अधिक लोगों ने मुथुराजावेला दलदल की रक्षा के लिए प्रदर्शन किया। 14 अप्रैल को कोलेम्बो के निकट मीतोतामूला शहर में कचरे का एक विशाल टीला ढह गया जिसमें बहुत से घर क्षतिग्रस्त हो गये। 32 लोगों की मौत हो गई और 8 लोग लापता हैं। इसी के बाद से काथलिकों ने विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया।








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