2017-05-01 16:05:00

मिशनरी शिष्यों की तरह सुदूर गाँवों तक पहुँचें, संत पापा


वाटिकन सिटी, सोमवार, 1 मई 2017 (वीआर सेदोक): काथलिक एक्शन फाउनडेशन की स्थापना की 150वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में उत्सव की शुरूआत, रविवार 30 अप्रैल को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में संत पापा फ्राँसिस से मुलाकात द्वारा हुई। जयन्ती समारोह के उदघाटन के इस अवसर पर करीब 70,000 लोग उपस्थित थे। इताली सदस्यों के साथ-साथ विश्व के विभिन्न हिस्सों से आये सदस्यों ने समारोह में भाग लिया। काथलिक एक्शन फाउनडेशन को दिये अपने संदेश में संत पापा ने कहा कि वे अपनी आँखों को पीछे रखकर न चलें बल्कि मिशनरी शिष्यों की तरह सुदूर गाँवों तक पहुँचें। 

उन्होंने कहा, ″आँखे पीछे कर न चलें, ऐसा करने से दुर्घटना हो सकती है।″ उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, ″दर्पण में न देखें, हो सकता है कि हम बहुतों से ज्यादा कुरूप दिखाई दें। आराम कुर्सी में बैठे रहें यह हमें सुस्त बना देगा एवं कोलेस्ट्रोल की बीमारी की सम्भावना बढ़ जायेगी। लम्बी जीवन यात्रा की याद हमें यात्रा में सभी के साथ सहयोग करने की याद दिलाती है जो मानवीय गुणों, विश्वास तथा करुणा में बढ़ने में मदद देती है। ″मैं आप सभी को प्रोत्साहन देता हूँ कि आप मिशनरी शिष्य बने रहें जो प्रभु द्वारा प्रेम किये जाने के ज्ञान के आनन्द में जीते एवं उसका साक्ष्य देते हैं।″  

संत पापा ने कहा, ″इन एक सौ पच्चास सालों में काथलिक एक्शन को येसु एवं कलीसिया के लिए महान प्रेम के रूप में देखा गया है। आज आप अपने विशेष मिशन को धर्मप्रांतों, पल्लियों तथा विश्वासियों के बीच जारी रखने के लिए बुलाये गये हैं। सभी ईश प्रजा, आपके समर्पण तथा विश्व कलीसिया एवं स्थानीय कलीसिया के बीच तालमेल द्वारा लाभान्वित हो सकें। यह एक लोकधर्मी की पवित्रता हेतु बुलाहट है जिसे वह अपने दैनिक जीवन में जी सकता है तथा वह जहाँ है वहीं से अपने विश्वास को जीने का साहस एवं बल प्राप्त कर सकता है। अपने बात-व्यवहार एवं स्वागत करने के द्वारा दूसरों के करीब रह सकता है एवं साझा ज़िम्मेदारी की सुन्दरता का एहसास कर सकता है। संत पापा ने कहा कि उस राह पर चलने से न थकें जो ईश प्रजा के लिए बनी एक राह पर चलने हेतु सच्ची सामूहिक भावना से विकसित हुई है जो प्रत्येक के सावधानी पूर्ण योगदान, चिंतन, समय के चिन्ह की पहचान, ईश्वर की इच्छा को समझने एवं जीने के द्वारा बनी है तथा उस निश्चित ज्ञान से कि पवित्र आत्मा सभी कार्यों में सक्रिय हैं।

संत पापा ने काथलिक एक्शन के सदस्यों से अह्वान करते हुए कहा, ″मैं आपको निमंत्रण देता हूँ कि पल्ली पर आधारित आपके प्रेरितिक अनुभवों को जारी रखें, जो एक कमजोर संरचना नहीं है। पल्ली एक कमजोर संरचना नहीं हैं क्योंकि उस भूमि में, ईशवचन सुनने, ख्रीस्तीय जीवन के विकास, वार्ता, चेतावनी, उदार दान, आराधना तथा समारोह द्वारा कलीसिया का अस्तित्व उपस्थिति है। पल्ली एक ऐसा स्थान है जहाँ लोग अपनी सामान्य स्थिति में स्वागत किये जाने का एहसास कर सकते हैं तथा मानवीय एवं आध्यात्मिक राहों पर लोगों द्वारा साथ दिये जाने का अनुभव करते हुए विश्वास में दृढ़ सकते एवं सृष्टि और भाई-बहनों के प्रेम में बढ़ सकते हैं। यह तभी संभव है जब पल्ली अपने आप में बंद न हो। काथलिक एक्शन जो पल्ली में जीता है वह भी अपने आप में बंद न हो किन्तु पल्ली को लोगों एवं परिवारों के साथ जोड़ने में मदद करे, न कि अपने को लोगों अथवा दल से बिलकुल अलग कर ले।" 

संत पापा ने काथलिक एक्शन के सभी सदस्यों को स्मरण दिलाया कि उनके हर प्रयास, हर प्रस्ताव, हर यात्रा में उनके मिशनरी होने का एहसास हो, सुसमाचार प्रचार हेतु निर्दिष्ट हो, न कि खुद को बचाने का प्रयास। उदारता की सेवा एवं राजनीति के प्रति समर्पण द्वारा सदस्य विश्व के जीवन में सुसमाचार के अच्छे बीज को बोने की मजबूत जिम्मेदारी का एहसास करें। शिक्षा के प्रति उत्साह एवं सांस्कृतिक मेलजोल में भागीदारी द्वारा भी सुसमाचार का प्रचार करें। विश्वास के यात्री बनें, सभी के साथ मुलाकात करें, सभी का स्वागत करें, सबकी सुनें तथा सभी का आलिंगन करें। प्रत्येक का जीवन प्रभु के द्वारा प्यार किया गया है, हरेक का चेहरा, विशेषकर, ग़रीबों और पीड़ितों का जो परित्यक्त महसूस करते हैं, जो मृत्यु को अस्वीकार करते हैं, हमारे घरों और शहरों में शरण खोजते हैं उनके चेहरे ख्रीस्त के चेहरे को दर्शाते हैं। संत पाप ने कहा कि ग़रीबों के प्रति चिंता एवं सामाजिक न्याय से कोई भी वंचित न हो। आसपास की परिस्थिति के प्रति खुले रहें, हमारे करीब  जो लोग रहते हैं उनसे बातचीत करने में भय न रखें, उनसे भी नहीं जो अलग विचार रखते हैं बल्कि सभी के लिए शांति, न्याय और भाईचारा की कामना करें। संवाद द्वारा ही भविष्य की योजनाओं को एक-दूसरे के साथ बांटा जा सकता है। संवाद ही है जिसके माध्यम से हम शांति की स्थापना कर सकते हैं तथा सभी की चिंता करते हुए हरेक से बातचीत कर सकते हैं।

संत पापा ने काथलिक एकशन के सदस्यों को प्रेषित करते हुए कहा कि वे दूर-दूर के क्षेत्रों तक पहुँचें तथा वहाँ कलीसिया के साथ, पवित्र आत्मा की शक्ति से एवं धन्य कुँवारी मरियम की ममता द्वारा धर्माध्यक्ष के कार्यों में सहयोग करें।

काथलिक एक्शन के सदस्यों को सम्बोधित करने के बाद संत पापा ने विभिन्न घटनाओं की याद कर कहा, ″बेनेजुएला में संघर्ष की उत्तेजना के कारण कई लोगों के मारे जाने, घायल होने तथा हिरासत में लिए जान के बाद, और कोई नई नाटकीय घटना नहीं हुई है।

मैं घटना के शिकार लोगों के परिवार वालों की पीड़ा में उनके साथ हूँ तथा सरकार एवं बेनेजुएला समाज के नागरिकों से अपील करता हूँ कि वे आगे हर प्रकार की हिंसा से दूर रहें, मानव अधिकार का सम्मान करें तथा समझौता के साथ समाधान ढूँढ़ें। हम उस देश में शांति, मेल-मिलाप तथा प्रजातंत्र के निवेदन को धन्य कुँवारी मरियम को समर्पित करें तथा उन सभी राष्ट्रों के लिए प्रार्थना करें जो गंभीर कठिनाईयों का सामना कर रहे हैं, खासकर, मैं इन दिनों मकेदुनिया के पूर्व युगोस्लाव गणराज्य की याद कर रहा हूँ।

संत पापा ने सूचना देते हुए कहा कि कल वेरोना में पवित्र परिवार को समर्पित धर्मसमाज की संस्थापिका लेओपोल्दिना नौदेत की धन्य घोषणा हुई। वे हाब्सबर्ग में पली बढ़ीं। उनमें प्रार्थना हेतु विशेष बुलाहट थी किन्तु उन्होंने शिक्षा सेवा को भी आगे बढ़ाया। उसने अपना जीवन ईश्वर को अर्पित किया तथा विभिन्न अनुभवों के बाद, पवित्र परिवार के संरक्षण में वेरोना में एक धर्मसमाजी समुदाय की स्थापना की जो आज भी कलीसिया में सक्रिय है। हम उनके आनन्द एवं धन्यवाद ज्ञापन में सहभागी होते हैं।  

संत पापा ने इटली स्थित सेक्रेड हार्ट विश्वविद्यालय दिवस की याद कर उसे प्रोत्साहन एवं समर्थन दिया जो विश्व के युवाओं को प्रशिक्षण देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

संत पापा ने बाईबिल संडे की याद कर कहा, ″ख्रीस्तीय प्रशिक्षण ईशवचन पर आधारित है इसलिए मैं याद करता हूँ कि आज पोलैंड में बाईबिल संडे मनाया जाता है। पल्ली, स्कूल तथा संचार माध्यमों में पवित्र बाईबिल को सार्वजनिक रूप से पढ़ा जाता है। मैं इस पहल को, हर अच्छाई की शुभकामनाएं देता हूँ।

संत पापा ने काथलिक एक्शन के सभी सदस्यों का अभिवादन किया। उन्होंने कहा, ″आपकी उपस्थिति से लिए धन्यवाद। आपके द्वारा मैं सभी पल्लियों, परिवारों, बच्चों, युवाओं एवं बुजुर्गों का भी अभिवादन करता हूँ।″ 

संत पापा ने उपस्थित सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया तथा प्रार्थना हेतु प्रेरित करते हुए कहा, ″हम एक साथ हमारी माता मरियम की ओर दृष्टि लगायें। हम उन्हें विशेषकर, मिस्र की प्रेरितिक यात्रा के लिए धन्यवाद दें जिसको मैंने अभी-अभी पूरा किया है। मैं प्रार्थना करता हूँ कि प्रभु सभी मिस्रवासियों को आशीष प्रदान करे। वहाँ के काथलिक, मुसलमान अधिकारी तथा ख्रीस्तीयों ने खुले दिल से मेरा स्वागत किया। प्रभु उन्हें शांति प्रदान करे।

सबों को सम्बोधित करने के उपरांत संत पापा ने स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद देते हुए शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।








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