2017-04-20 15:33:00

संत पापा का प्रधिधर्माध्यक्ष बरथोलोमियो के साथ काहिरा में मुलाकात की उम्मीद


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 20 अप्रैल 2017 (वीआर अंग्रेजी): करीब एक सप्ताह बाद संत पापा फ्राँसिस मिस्र की राजधानी काहिरा की यात्रा करेंगे जहाँ वे विख्यात इस्लामी विद्या केंद्र अल अज़हर का दौरा करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि वे वहाँ कॉप्टिक कलीसिया के परमाध्यक्ष तावाद्रोस द्वितीय के साथ ऑर्थोडोक्स कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष बरथोलोमियो प्रथम से भी मुलाकात करेंगे।

इन तीनों धर्मगुरूओं को अल अजहर के ग्रैंड इमाम शेख अहमद एल तायेब ने एक अंतरराष्ट्रीय शांति सम्मेलमन में भाग लेने हेतु निमंत्रण दिया है।

मिस्र हेतु वाटिकन के पूर्व प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष मिखाएल फिज़ेराल्ड ने वाटिकन रेडियो से कहा कि मिस्र में संत पापा की यात्रा महत्वपूर्ण है क्योंकि वहाँ अतिवादियों के कारण कई समस्याएँ एवं अनिश्चितताएँ हैं जो संस्थाओं एवं खासकर ख्रीस्तीय समुदायों के खिलाफ हैं। उन्होंने गौर किया कि यह पहली प्रेरितिक यात्रा नहीं हैं, इससे पूर्व वर्ष 2000 में संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने भी मिस्र की यात्रा की थी।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि इस यात्रा की खासियत इसमें भी है कि संत पापा फ्राँसिस की मुलाकात कॉप्टिक परमाध्यक्ष तावाद्रोस से होगी जो अलेक्जेंड्रिया के प्रधिधर्माध्यक्ष चुने जाने के बाद यह उनकी पहली मुलाकात होगी। इस यात्रा के द्वारा दोनों परमाध्यक्षों के बीच मित्रवत् संबंध के सुदृढ़ीकरण की आशा की जा रही है।

उन्होंने कहा कि यात्रा में ईशशास्त्रीय वार्ता की जायेगी किन्तु धार्मिक विचार-विमर्श से कहीं बढ़कर व्यक्तिगत संबंध महत्वपूर्ण होगी जो काहिरा यात्रा का मुख्य बिन्दु होगा।  

मुस्लिम जगत के साथ संबंध के मामले में महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य अल अजहर के साथ वाटिकन के संबंध को मजबूत करना है। उन्होंने याद किया कि ग्रैंड ईमाम अहमद एल तायेब संत पापा से मुलाकात करने रोम आये थे अतः आपसी मुलाकात काफी सराहनीय मानी जा रही है।

महाधर्माध्यक्ष ने इस मुलाकात को संस्कार की संज्ञा दी क्योंकि यह मात्र चिन्ह नहीं है वरन् आशा के परे फल उत्पन्न कर सकता है।

वाटिकन और अल अजहर के बीच संवाद पर गौर करते हुए महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि चरमपंथ की आलोचना विश्व के अधिकतर मुसलमानों द्वारा की जा चुकी है। उन्होंने रेखांकित किया कि अल अजहर काहिरा स्थित डोमिनिकन पुरोहितों के साथ भी कार्य कर रही है। जिन्होंने चरमपंथियों पर अध्ययन करने हेतु एक दल का गठन किया है। 

28 और 29 अप्रैल की इस लघु प्रेरितिक यात्रा में संत पापा मिस्र के राष्ट्रपति अबदेल फत्ताह अल सीसी से भी मिलेंगे। वे स्थानीय काथलिक समुदाय के लिए ख्रीस्तयाग भी अर्पित करेंगे।

उनकी यात्रा ऐसे समय में होने वाली है जब मिस्र के दो गिरजाघरों में एक माह से भी कम समय के अंदर कथित इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों द्वारा, दो बम विस्फोट किये गये थे, जिसमें 45 लोगों की मौत हो गयी थी तथा दर्जनों घायल हो गये हैं।








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