2017-04-16 11:30:00

रोम शहर एवं विश्व के नाम सन्त पापा फ्राँसिस का पास्का सन्देश


वाटिकन सिटी, 16 अप्रैल सन् 2017 (सेदोक): पास्का यानि प्रभु येसु मसीह के पुनःरुत्थान महापर्व के उपलक्ष्य में, रविवार, 16 अप्रैल को, सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस ने, रोम स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में, विश्व तथा रोम शहर के नाम अपना विशिष्ट पास्का सन्देश जारी किया।

"अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, हैपी ईस्टर"! इन शब्दों से अपना पास्का सन्देश आरम्भ कर सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा, "आज, सम्पूर्ण विश्वमण्डल में, कलूसिया एक बार फिर प्रथम प्रेरितों के आश्चर्यजनक सन्देश को प्रतिध्वनित करती हैः "येसु जी उठे हैं!" – वे वास्तव में जी उठे हैं जैसा कि उन्होंने कहा था!"    

सन्त पापा ने कहा, "पास्का का प्राचीन त्यौहार, गुलामी से इब्रानी जाति के लोगों की मुक्ति का स्मरणोत्सव, यहाँ परिपूर्णता प्राप्त करता है। अपने पुनःरुत्थान द्वारा, येसु ख्रीस्त ने हमें पाप एवं मृत्यु की दासता से मुक्ति दिलाई तथा हमारे समक्ष अनन्त जीवन का मार्ग खोल दिया। हम सब, जब हम अपने आप पर पाप को हावी होने देते हैं तब हम सही मार्ग को खो देते हैं तथा खोई हुई भेड़ के सदृश भटक जाते हैं। हमारे उद्धार के लिये उन्होंने स्वतः को दीन-हीन बना लिया यहाँ तक कि क्रूस को भी स्वीकार किया। आज हम उदघोषित करते हैं, "भले गड़ेरिये जी उठे हैं: जिन्होंने अपनी भेड़ों के लिये अपना जीवन न्यौछावर कर दिया तथा अपने रेवड़ के लिये स्वेच्छापूर्वक मर गये, आल्लेलूया" (रोमी मिस्साल, पास्का का चौथा रविवार, परमप्रसाद भजन)।

उन्होंने आगे कहा, "प्रत्येक युग में, पुनर्जीवित मेषपाल हमें, इस विश्व के रेगिस्तान में भटकते   भाइयों एवं बहनों में, अथक रूप से खोजते हैं। दुखभोग के चिन्हों सहित – उनके दयामय प्रेम के घावों द्वारा – वे हमें अपने मार्ग, जीवन के मार्ग पर अनुसरण करने हेतु आकर्षित करते हैं। आज भी, बुराई एवं उसके विभिन्न प्रकारों द्वारा कुचले गये अनगिनत भाइयों एवं बहनों को वे अपने कन्धों पर उठायें हुए हैं।

पुनर्जीवित गड़ेरिये उन सबकी की खोज करते हैं जो अकेलेपन एवं हाशिये पर जीने की भूलभुलैया में खो गये हैं। वे उन लोगों द्वारा उनसे मिलने आते हैं जो उदारतापूर्वक उनका सम्मान करते तथा प्रभु की आवाज़ सुनने में उनकी मदद करते हैं, एक अविस्मरणीय आवाज़, ऐसी आवाज़ जो उन्हें ईश्वर के साथ मित्रता हेतु वापस बुलाती है।

वे अपने ऊपर उन सब को ढोते हैं जो गुलामी के पुराने और नये प्रकारों, अमानवीय श्रम, तस्करी, शोषण एवं भेदभाव तथा आसक्ति के गम्भीर प्रकारों के शिकार हैं। वे, निश्चिन्त निर्दोषता से वंचित, शोषित तथा अपने ही घरों की चारदीवारी के भीतर घटनेवाले हिंसक कृत्यों से दुखी बच्चों एवं किशोरों को अपने ऊपर लेते हैं।

पुनर्जीवित गड़ेरिये उन सब के संग-संग चलते हैं जो सशस्त्र संघर्षों, आतंकवादी आक्रमणों, अकाल एवं दमनकारी शासन के परिणामस्वरूप अपनी मातृभूमि के परित्याग को बाध्य हैं। वे सर्वत्र इन मजबूर आप्रवासियों की उन भाइयों और बहनों से मुलाकात में मदद करते हैं जो इनके साथ, इनकी यात्रा में, अपनी रोटी एवं आशा को साझा कर सकते हैं।"

सन्त पापा ने आगे कहा, "वर्तमान विश्व में व्याप्त जटिल एवं प्रायः आकस्मिक परिस्थितियों में, पुनर्जीवित प्रभु उन सब लोगों का मार्ग प्रशस्त करें जो न्याय एवं शांति के लिये कार्य करते हैं। राष्ट्रों के नेताओं को, वे, संघर्षों के प्रसार तथा हथियारों के व्यापार को रोकने का आवश्यक साहस प्रदान करें।"

तदोपरान्त, युद्ध पीड़ित मध्य पूर्व के देशों और विशेष रूप से सिरिया के लिये आर्त याचना करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा, "विशेष रूप से इन दिनों में, प्रभु उन सब लोगों के प्रयासों को समर्थन दें जो, भय एवं मौत के बीज बोते युद्ध के शिकार बने, सिरिया के नागरिकों को विश्रान्ति एवं राहत प्रदान करने में सक्रिय योगदान दे रहे हैं। पवित्र भूमि और साथ ही ईराक एवं यमन से आरम्भ कर, वे, सम्पूर्ण मध्य पूर्व को शांति प्रदान करें।

भले गड़ेरिये, अफ्रीका के कुछेक हिस्सों को प्रभावित करनेवाले अकाल से उत्पन्न गम्भीर स्थिति के कारण अनवरत जारी वैमनस्यता को सह रहे दक्षिणी सूडान, सूडान, सोमालिया तथा कॉन्गो प्रजातांत्रिक गणतंत्र के लोगों के समीप रहें।

पुनर्जीवित येसु, विशेष रूप से, लातीनी अमरीका के समाजों में जनकल्याण को सुनिश्चित्त करने हेतु प्रतिबद्ध लोगों के प्रयासों को समर्थन दें जो कभी-कभी राजनैतिक एवं सामाजिक तनावों से चिह्नित रहे हैं और जहाँ कुछेक मामलों में हिंसा में उभरी है। मेरी मंगलकामना है कि भ्रष्टाचार के अभिशाप के विरुद्ध संघर्ष को जारी रख तथा कानून का पूर्ण सम्मान करते हुए लोकतांत्रिक संस्थानों की मज़बूती एवं विकास के लिये, विवादों के व्यवहार्य एवं शांतिपूर्ण समाधान की खोज कर, वार्ताओं के सेतुओं का निर्माण करना सम्भव बन पड़े।" 

उन्होंने आगे कहा, "भले गड़ेरिये, यूक्रेन की सहायता को आयें जो, सामाजिक सामंजस्य की पुनर्प्राप्ति के लिये, अभी भी संघर्ष और रक्तपात से पीड़ित है। प्रभु, संघर्ष से प्रभावित लोगों की त्रासदिक पीड़ा को कम करने हेतु किये जा रहे हर प्रयास के साथ रहें।

यूरोपीय महाद्वीप पर पुनर्जीवित प्रभु अपनी आशीष प्रवाहित करना जारी रख रहे हैं। मेरी मंगलयाचना है कि वे उन सब लोगों को आशा का वरदान दें जो संकट एवं कठिनाइयों के क्षणों का अनुभव कर रहे हैं, विशेषकर, युवाओं के बीच उच्च बेरोज़गारी को लेकर।     

प्रिय भाइयो एवं बहनो,

इस वर्ष हर सम्प्रदाय के ख्रीस्तीय एक साथ मिलकर पास्का महापर्व मना रहे हैं। एक आवाज़ के साथ, विश्व के प्रत्येक हिस्से में, हम उस महान सन्देश की उदघोषणा करते हैं: प्रभु वास्तव में जी उठे हैं, जैसा कि उन्होंने कहा था!" प्रभु येसु जिन्होंने पाप और मृत्यु के अन्धकार को परास्त किया, हमारे युग को शांति प्रदान करें।"    

हैप्पी ईस्टर! आप सबको ईस्टर मुबारक! "   

इस तरह रोम शहर और विश्व के नाम अपना पास्का सन्देश समाप्त करने के बाद सन्त पापा फ्राँसिस ने सबके प्रति पास्का की शुभकामनाएँ अर्पित कीं ...

पास्का की शुभकामनाएँ अर्पित करने के उपरान्त सन्त पापा फ्राँसिस ने सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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