2017-04-07 11:56:00

गोआ एवं दमन में फातिमा दर्शन की शताब्दी की तैयारियाँ सम्पन्न


रोम, शुक्रवार, 07 अप्रैल सन् 2017 (सेदोक): भारत के गोवा और दमन महाधर्मप्रान्त ने घोषणा की है कि 13 मई को फातिमा दर्शन के शताब्दी समारोह के लिये तैयारियाँ हो चुकी हैं जिसके तहत विशेष समारोह आयोजित किए जाएंगे।  

पुर्तगाल के फातिमा नगर में, 13 मई सन् 1917 ई. को, मरियम ने पहली बार लूसिया, जासिन्ता तथा फ्रांसिस्को, तीन चरवाहे बच्चों को दर्शन दिये थे और उसके उपरान्त, उसी वर्ष, 13 अक्टूबर तक मरियम दर्शन देती रही थीं।

इस वर्ष के समारोहों का नेतृत्व करने के लिये सन्त पापा फ्राँसिस भी 12 एवं 13 मई को फातिमा की तीर्थयात्रा पर जा रहे हैं।

गोआ एवं दमन के महाधर्माध्यक्ष फिलिप नेरी फेर्राओ ने एशिया समाचार से कहा, "स्थानीय काथलिक समुदाय अपने सारे हृदय से काथलिक जगत के इस प्रिय समारोह में शामिल होने के लिये हर्षित है। वह फातिमा के सन्देश को नवीकृत करने तथा उसके अनुकूल जीवन यापन को कृतसंकल्प है जो, मनपरिवर्तन, प्रार्थना एवं पश्चाताप हेतु हमें आमंत्रण प्रदान कर, हमारे समक्ष सुसमाचारी सन्देश के सार को प्रस्तुत करता है।"

महाधर्माध्यक्ष फेर्राओं के अनुसार, कुँवारी मरियम का फातिमा दर्शन "निःसन्देह आधुनिक दर्शनों में सर्वाधिक नबूवती दर्शन है।" इसीलिये, उन्होंने कहा, "हमारे मेषपालों, संस्थाओं के अध्यक्षों, धर्मसमाज एवं धर्मसंघों प्रमुखों को इस उपलक्ष्य में आयोजित प्रेरितिक समारोहों में शामिल होने के लिये लोगों को प्रोत्साहन देना चाहिये। इन समारोहों में पश्चाताप, पुनर्मिलन, ख्रीस्तयाग एवं यूखारिस्त संस्कारों का सम्पादन, मनन-चिन्तन एवं प्रार्थना तथा बाईबिल पाठ कार्यक्रम शामिल हैं।

महाधर्मप्रान्त के वकतव्य में कहा गया कि फातिमा का मरियम सन्देश आज भी समसामयिक है इसलिये कि "आज पहले से कहीं अधिक मानव मन को मनपरिवर्तन की आवश्यकता है। फातिमा में नन्हे चरवाहों ने निष्कलंक माँ के हृदय द्वारा पवित्र तृत्व पर मनन किया था तथा ईश्वर के असीम प्रेम, उनकी कृपा एवं दया रूपी सागर में निमज्जित होकर प्रेम की अद्भुत अनुभूति प्राप्त की थी।"








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