2017-03-30 16:05:00

डबलिन में परिवारों की नौवीं विश्व सभा के लिए संत पापा का पत्र


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 30 मार्च 2017 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने 30 मार्च को परिवार के आगामी 9वें विश्व सभा को एक पत्र प्रेषित किया है जो 21 से 26 अगस्त 2018 तक डब्लिन में सम्पन्न होगी। सभा की विषयवस्तु है, ″परिवार का सुसमाचार: विश्व को आनन्द।″

लोकधर्मी, परिवार तथा जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल केविन फार्रेल्ल ने संत पापा के पत्र को वाटिकन प्रेस सम्मेलन में 30 मार्च को प्रस्तुत किया। 

25 मार्च को निर्गत संदेश इस प्रकार है, ″परिवार पर 8वीं विश्व सभा जो फिलाडेलफिया में 2015 के सितम्बर माह में सम्पन्न हुई थी मैंने घोषणा की थी कि काथलिक परिवारों की अगली विश्व सभा डब्लिन में आयोजित की जाए। मैं अब चाहता हूँ कि इसकी तैयारी हो तथा मुझे जानकार खुशी हो रही है कि यह 21 से 26 अगस्त 2018 को ″परिवार का सुसमाचार: विश्व को आनन्द″ की विषयवस्तु पर सम्पन्न होगी।″ उन्होंने आशा जतायी है कि इसकी तैयारी के तहत प्रेरितिक उद्बोधन ‘अमोरिस लेतित्स्या’ पर गहन चिंतन की जाए। 

संत पापा ने संदेश में प्रश्न किया है कि लोगों के मन में ये सवाल उठ सकते हैं, क्या सुसमाचार अब भी विश्व के लिए आनन्द का विषय है तथा क्या परिवार आज के विश्व के लिए शुभ समाचार बना हुआ है?    

संत पापा ने कहा है कि उत्तर ‘हाँ’ होना चाहिए और ये ‘हाँ’ ईश्वर की योजना पर आधारित है। ईश्वर का प्रेम, सारी सृष्टि एवं उसके केंद्र में मानव के प्रति उनका ‘हाँ’ है। यह ईश्वर का हाँ ही तो है जो एक पुरूष एवं नारी को जोड़ता है जिसके द्वारा वे उदारता पूर्वक हर परिस्थिति में जीवन की सेवा हेतु समर्पित होते हैं। प्रेम के अभाव में घायल, शोषित एवं दुर्व्यवहार की शिकार मानवता के प्रति, वे प्रतिबद्ध होते हैं। इस प्रकार पारिवारिक प्रेम के रूप में ईश्वर की ‘हाँ’ है। प्रेम से शुरू करने के द्वारा ही परिवार विश्व में ईश्वर के प्रेम का साक्ष्य दे सकता है, उसका प्रचार एवं उसे पुनः उत्पन्न कर सकता है। प्रेम के बिना हम ईश्वर की संतान, एक दम्पति, माता-पिता और भाई बहन की तरह नहीं जी सकते। 

संत पापा ने संदेश में कहा है कि परिवारों को प्रेम पर, प्रेम के लिए एवं प्रेम में जीना कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने इसका अर्थ क्षमा करना, धीरज रखना एवं एक-दूसरे का सम्मान करना बतलाया। इसके लिए उन्होंने कृपया, धन्यवाद एवं क्षमा करें आदि शब्दों के अभ्यास को जारी रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हम मानवीय कमजोरी का अनुभव करते हैं अतः परिवार के सदस्यों एवं याजकों को विनम्रता को नवीकृत करना चाहिए जो हम में अपने आप के निर्माण, प्रशिक्षण, सहायता करने और मदद किये जाने, साथ देने, निर्णय करने एवं भली इच्छा रखने वाले सभी लोगों को शामिल करने की चाह उत्पन्न करेगी।

संत पापा ने कलीसिया से घेरा रहित होने की आशा की है तथा कहा है कि वह एक ऐसी कलीसिया न हो जो घायल को दूर से देखकर पार हो जाए किन्तु दयालु कलीसिया बने जो ईश्वर के प्रेम की प्रकाशना, उसकी करुणा में प्रकट होती है, उसकी घोषणा का केंद्र बने। यही करुणा हमें प्रेम में नया बना देता है। 

संत पापा ने सभी कलीसियाओं से आग्रह किया है कि परिवार के आगामी विश्व सभा की तैयारी में इन सभी बातों को ध्यान में रखा जाए। उन्होंने इसके लिए प्रेरितिक प्रबोधन आमोरिस लेतित्सिया का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद करने की सलाह दी है।

उन्होंने पत्र में डब्लिन के महाधर्माध्यक्ष एवं देश के सभी लोगों को शुभकामनाएं अर्पित की हैं ताकि वे इस महत्वपूर्ण अवसर पर मेजबानी में उदारता पूर्वक अपना योगदान दे सकें।    

अंततः उन्होंने नाजरेथ के पवित्र परिवार से प्रार्थना की है कि वे उनके कार्यों को मार्गदर्शन, सहायता एवं आशीष प्रदान करें और साथ ही साथ उन सभी परिवारों को भी आशीष दें जो उस सभा में भाग लेने वाले हैं। 








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