2017-03-14 15:56:00

कच्छाथीवू धार्मिक समारोह में भारतीय भक्तों ने भाग नहीं लिया


कोलम्बो, मंगलवार, 14 मार्च 2017 (उकान) :  एक भारतीय मछुआरे की श्रीलंका नौसेना द्वारा हत्या के बाद दोनों देशों के बीच तनाव की वजह से श्रीलंका के कच्छाथीवू द्वीप में बने संत अंतोनी गिरजाघर के वार्षिक समारोह में भारतीय तीर्थयात्री शामिल नहीं हुए। श्रीलंका के 7000 ख्रीस्तीयों ने समारोह में भाग लिया।

उन्होंने कहा कि गत वर्ष जाफना के धर्माध्यक्ष के आग्रह पर नौसेना ने इस स्थान पर संत अंतोनी गिरजाधर का निर्माण शुरू किया जो अब पूरा हो चुका है।

इस अवसर पर 11 और 12 मार्च का दो दिवसीय त्योहार नौसेना के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण था। श्रीलंका नौसेना के उप कमांडर रविंद्र विजिगुनारत्ने ने कहा,″समारोह में भारतीय तीर्थयात्रियों ने भाग नहीं लेने की वजह 6 मार्च को एक के घायल होने और एक 22 वर्षीय भारतीय मछुआरे की हत्या थी। उन्होंने गोलीबारी का आरोप नौसेना पर लगाया। पर नौसेना फायरिंग के लिए जिम्मेदार नहीं थी। "

उन्होंने कहा कि श्रीलंका के समुद्र में केवल मछली पकड़ने की नौकाओं को नौसेना पकड़ती है पर कभी गोली नहीं चलाती है। विजिगुनारत्ने ने कहा, ″नौसेना के कमान्डर के अनुमोदन के बिना वे गोली नहीं चला सकते हैं और मैंने गोली चलाने का आदेश नहीं दिया था।″

उन्होंने कहा कि नौसेना ने एक जांच शुरू की है। हमने भारत से दुर्धटनाग्रस्त नाव की वैश्विक स्थिति निर्धारण (जीपीएस) का स्थान और डाटा की मांग की है। इससे हमें जांच करने में मदद मिलेगी। "

तामिलनाडू स्थित वेरकोडू के पल्ली पुरोहित और कच्छाथीवू धार्मिक समारोह के संयोजक फादर एल. सहायराज ने कहा कि इस वर्ष 4991 भारतीय तीर्थयात्रियों ने इस त्योहार में अपनी भागीदारी की पुष्टि की थी। फादर सहायराज ने समारोह के स्थगन के लिए कहा था पर जाफना धर्मप्रांत ने कहा कि समारोह को स्थगित नहीं किया जा सकता है यह उनके नियंत्रण से बाहर है। श्रीलंका नौसेना  इस धार्मिक समारोह का मुख्य आयोजनकर्ता है अतः स्थानीय और भारतीय तीर्थयात्रियों के भोजन, पीने का पानी, सौचालय आदि की आवश्यक सुविधाएं प्रदान करता है।








All the contents on this site are copyrighted ©.