2017-03-10 15:53:00

विश्वास की आवाजः महिलाएं कलीसिया के केन्द्र विन्दु पर हो


वाटिकन रेडियो, शुक्रवार, 10 मार्च 2017 (वीआर) येसु समाजियों से परमाधिकारी अतुरो सोसा ने बुधवार को वाटिकन में सन् “2017 विश्वास की आवाज” महिलाओं का एक कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में कहा कि हमें ईमानदारी पूर्वक यह स्वीकार करने की जरूरत है कि कलीसिया के जीवन में महिलाओं की सहभागिता को नकारा गया है।

अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर “पहल कर, असंभव को संभव बनाना” की एक विषयवस्तु ने विश्वास में काथलिक महिलाओं की आवाज को संयुक्त किया।

महिलाओं के इस मिलन समारोह में येसु समाजियों के अधिकारी सोसा ने कोलाम्बिया की सीमा रेखा  और वेनेजुएला के प्रान्तों में महिलाओं के प्रयास और कार्यकुशलता का साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए उनकी हौसलाअफ़ज़ाई की और कहा कि विश्वास में वह शक्ति है जो किसी भी असंभव को संभव कर देती है।

उन्होंने कहा कि संत पापा ने वाटिकन द्वितीय महासभा को जीवन में लागू करते हुए जरूरतमंद गरीबों की सेवा को केन्द्र-विन्दु बनाने का प्रयास किया है। इसके तरह आज कई महिलाओं की आवाज को अच्छी तरह से सुना जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें उनकी कार्य क्षमताओं को स्वीकार करने की जरूरत है जिसे हमने अब तक पहचान नहीं दी है।

अन्तराष्ट्रीय पैक्स क्रिस्टी के सह-सभापति मारिये डेनिस ने सम्मेलन के अंत में फादर सोसा की बातों पर जोर देते हुए सम्मेलन के अंत में अपने विचारों को व्यक्त किया और कहा कि कलीसिया में अहिंसा को बढ़ावा देने हेतु कलीसिया में महिलाओं की केन्द्रीय भूमिका जरूरी है जैसे कि संत पापा ने इस वर्ष जनवरी के माह में विश्व शांति दिवस के दिन अपने संदेश में कहा था।

इस सम्मेलन के दौरान विभिन्न देशों के महिला प्रतिनिधियों जैसे कि इराक, श्रीलंका, कोलंबिया, दक्षिण सूडान, गणतंत्र कांगो, मेक्सिको, अफगानिस्तान, फिलिस्तीन, एल साल्वाडोर, फिलीपींस, उत्तरी आयरलैंड, लेबनान, बुरुंडी, ग्वाटेमाला भाग लिया। 








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