2017-03-07 15:24:00

राष्ट्रपति कीर द्वारा आयोजित शांति प्रार्थना दिवस की आलोचना


जूबा, मंगलवार, 7 मार्च 2017 (सेदोक) : ″मैं क्यों उस स्थान पर प्रार्थना करने जाऊँगा जहाँ कोई पवित्रता नहीं, जहां कोई क्षमा नहीं है? यह एक मजाक है कि देश के राष्ट्रपति ने शांति हेतु प्रार्थना दिवस का आयोजन किया है जबकि फिलहाल, उसके ही सैनिक दक्षिण सूडान में अपने लोगों की दुर्दशा कर रहे हैं।" उक्त बातें दक्षिण सूडान की राजधानी जूबा के सहायक धर्माध्यक्ष सांतो लोकु पीयो डोग्गाले ने राष्ट्रपति साल्वा कीर द्वारा शांति हेतु प्रार्थना दिवस के निमंत्रण को अस्वीकार करते हुए कही। गृहयुद्ध से तबाह हो रहे देश में राष्ट्रपति कीर ने 10 मार्च को शांति हेतु प्रार्थना दिवस का आयोजन किया है।

द वोईस ऑफ अमेरिका के साथ साक्षात्कार में धर्माध्यक्ष डोग्गाले ने कहा, ″ मैं प्रतिदिन दक्षिण सूडान के लिए प्रार्थना करता हूँ। साल्वा कीर द्वारा प्रार्थना हेतु बुलावा मेरी समझ से बाहर है। मैं उस प्रार्थना में भाग नहीं लूँगा। यह राजनीतिक प्रार्थना है। यह एक मजाक है।″ धर्माध्यक्ष डोग्गाले ने सैनिकों के कार्यों को देखते हुए राष्ट्रपति के आमंत्रण को अस्वीकार किया।

उन्होंने कहा कि सैनिकों के कारण इक्वेटोरिया क्षेत्र के लंगो, अचोली, मादी, काकू, कूकू और ऊपरी नील के शिलुक जनजाति अपने घरों से विस्थापित हो रहे हैं। लोग अपनी पैत्रिक जमीन से बेदखल किये जा रहे हैं। बहुत से लोगों के संसाधनों की चोरी हुई है।

दक्षिण सूडान गृह युद्ध और 2013 में शुरु हुए गंभीर अकाल के कारण हजारों लोगों की मौत हुई है। इस स्थिति से उबरने के लिए काथलिक धर्माध्यक्षों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल मानवीय सहायता की अपील की है।








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