बैंगलोर, सोमवार, 27 फरवरी 2017 (वीआर सेदोक): बैंगलोर के महाधर्माध्यक्ष बेर्नार्ड मोरेस ने कलीसिया द्वारा संचालित प्रथम ‘परिवार परामर्श सेवा’ का उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि यह पहल उन काथलिकों के प्रति चिंता के कारण की गयी है जो विवाह की पवित्रता को बहुत कम समझते हैं। महाधर्मप्रांत द्वारा प्रदान की जाने वाली इस सेवा द्वारा परिवारों के पुनःनिर्माण में सहायता दी जायेगी।
महाधर्माध्यक्ष ने कहा, ″पुरोहिताई हेतु लम्बी अवधि के प्रशिक्षण के बावजूद पुरोहित संकट की स्थिति से गुजरते हैं तथा उन्हें आध्यात्मिक परामर्श की आवश्यकता होती है, तो संकट की स्थिति से गुजर रहे परिवारों को इसकी आवश्यकता कितनी अधिक पड़ सकती है।″
महाधर्मप्रांत के प्रेरितिक केंद्र के पालाना भवन में करीब 20 पेशेवर प्रशिक्षित परामर्शदाताओं ने एक सभा में भाग लिया तथा इस बात पर विचार किया कि संकट से गुजर रहे दम्पतियों को किस तरह सलाह दी जाए एवं उन्हें मेल-मिलाप हेतु मदद दिया जाए।
महाधर्माध्यक्ष मोरेस के अनुसार यह सेवा, भारत के काथलिक धर्माध्यक्षों की आम सभा का ठोस प्रत्युत्तर है जिसमें पारिवारिक मामलों के समाधान हेतु मदद दिये जाने पर प्रकाश डाला गया था।
2015 में विश्व काथलिक धर्माध्यक्षीय धर्मसभा में संत पापा ने परिवारों को बिखरने से बचाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया था।
उन्होंने कहा कि महाधर्मप्रांत में हमने विवाह के संस्कार की रक्षा की आवश्यकता महसूस की जहाँ समाज में परिवार बदल रहे हैं तथा इसके द्वारा परिवारों का विनाश हो रहा है। परिवार टूटने का सबसे स्पष्ट परिणाम विवाह की शून्यता द्वारा देखने को मिल रहा है जो विवाह के पूर्व की तैयारी में ध्यान नहीं देने के कारण होता है।
महाधर्माध्यक्ष ने खेद प्रकट करते हुए कहा कि पुरोहित तथा धर्मबहनें भी शादी में यौन जीवन और जीवन कौशल के बारे कलीसिया की सही शिक्षा एवं निर्देश देने से हिचकिचाते हैं।
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