2017-02-21 15:43:00

विश्व सामाजिक न्याय दिवस पर मुम्बई के सहायक धर्माध्यक्ष का संदेश


मुम्बई, मंगलवार 21 फरवरी 2017 (एशिया न्यूज) : "आज दुनिया संघर्ष और विभाजन से भरी हुई है और सामाजिक न्याय देश के भीतर और देशों के बीच शांतिपूर्ण और समृद्ध सह-अस्तित्व के लिए एक अंतर्निहित सिद्धांत है।" उक्त बातें विश्व सामाजिक न्याय दिवस के अवसर पर मुम्बई के सहायक धर्माध्यक्ष अलोईस डीसिल्वा ने कही। धर्माध्यक्ष डीसूजा सालों से मानवाधिकार और पर्यावरण संरक्षण जैसे सामाजिक मुद्दों से जुड़े हुए हैं।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा सन् 2007 में गरीबी, बहिष्कार, रोजगार, लिंग समानता, और सभी के लिए न्याय और कल्याण आदि वैश्विक मुद्दों पर प्रकाश डालने हेतु विश्व सामाजिक न्याय दिवस की स्थापना की गई। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 2017 की विषय वस्तु है, ‘मर्यादित कार्यों के माध्यम से संघर्ष की रोकथाम और शांति बनाए रखना'।

जलवायु परिवर्तन डेस्क के प्रधान और एशियाई धर्माध्यक्षीय संघ के मानव विकास कार्यालय ( एफएबीसी) के अध्यक्ष मोन्सिन्योर डीसिल्वा ने कहा, ″जब हम लिंग समानता या प्रवासियों और आदिवासियों के अधिकार को बढावा देते हैं तो हम सामाजिक न्याय के सिद्धांतों की रक्षा करते हैं।″

″ जब हम लिंग, उम्र, जाति, नस्ल, धर्म, संस्कृति या विकलांगता की वजह कठिनाईयों का सामना करने वाले लोगों की मदद करते हैं तो हम सामाजिक न्याय को आगे बढ़ाते हैं। हम समानता को बनाए रखें तो असमानता और संघर्ष गायब हो जाएगा।"

″ अक्सर असमानताओं का परिणाम हिंसा है," आर्थिक क्षेत्र में अन्याय का सबसे सटीक उदाहरण और दूसरा नहीं हो सकता है जब कुछ लोग केक का बड़ा भाग हड़प लेते हैं और बाकी लोगों के बीच केक का छोटा से हिस्सा बांटा जाता है तो वहाँ सड़कों पर हिंसा होना स्वाभाविक है।"

धर्माध्यक्ष डीसिल्वा ने कहा, "बेरोजगारी एशिया में व्यापक समस्या है यदि हम अपनी आर्थिक संरचना को गौर करें तो पाएंगे कि इसका लक्ष्य सिर्फ लाभ की प्राप्ति है दैनिक जीवन में हमारे भाई-बहनों के प्रति कोई सरोकार नहीं है। हमें लाभ के पहले लोगों को महत्व देनी चाहिए। विश्व सामाजिक न्याय दिवस पर आइए हम इस समानता के लिए प्रयास करें। "








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