2017-02-21 15:20:00

खुलना, इस्लामी नेता ने खीस्तीयों और हिन्दुओं की सुरक्षा का भरोसा दिया


खुलना, मंगलवार 21 फरवरी 2017 (एशिया न्यूज) : ″मेरी आप सबों से अपील है कि यदि आप हिन्दुओं और ख्रीस्तीयों पर हो रहे उत्पीड़न की खबर सुनें तो मुझसे तुरंत ही संपर्क करें, मैं स्वयं उस स्थल पर जाकर उसे रोक दूँगा।″ उक्त बातें बांग्लादेश के खुलना उप-जिला के उलामा दाकोप संध के अध्यक्ष अल्हाज नज़रुल इस्लाम मौला ने चलना पल्ली में हो रहे अंतरधार्मिक वार्ता सम्मेलन में कही।

वार्ता एवं ख्रीस्तीय एकता हेतु बने खुलना धर्मप्रांतीय आयोग ने इस सेमिनार का आयोजन किया था। जिसमें शांति और सद्भाव समाज के निर्माण में लगे काथलिकों, हिंदुओं और मुसलमानों के 65 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

धर्माध्यक्ष जेम्स रोमेन ने सेमिनार के शुरु में इस तरह के पहल के कारणों की याख्या करते हुए कहा, ″हम विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देना चाहते हैं। विभिन्न धर्मावलंबियों के बीच आपसी समझ की कमी से गलतफहमी और संघर्ष का शिकार होना पड़ता है।″

उन्होंने कहा कि बहुधा राजनीतिक नेतागण समाज में शांति का निर्माण करने के लिए नहीं पर अपने स्वयं के लाभ के लिए ही काम करते हैं। हम धार्मिक नेतागण आपस में मिलकर चर्चाओं और प्रस्तावों के माध्यम से समाज को शांतिपूर्ण बनाए रख सकते हैं।

 अल्हाज मौला नज़रुल इमाम ने कहा कि इस्लाम एक शांति का धर्म है। हमारे पैगंम्बर मुहम्मद ने अपने जीवन काल में शांति की स्थापना हेतु अनेक कठीनाईयां सही थीं। हमें भी उन्ही के समान करना चाहिए।

हिन्दू नेता मदन मोहन रोय ने कहा कि हिंदू परंपरा शांति को बनाए रखता है। श्री कृष्णा भगवान शांति की स्थापना के लिए इस धरती पर अवतार लिये थे। अन्य धर्मों के लिए आदर और सम्मान देते हुए हम विश्व में शांति ला सकते हैं।

खुलना के अंतरधार्मिक वार्ता केंद्र के निदेशक फादर पियेतान्जा दोमेनिको मिम्मो का मानना हैं कि इस तरह के सेमिनार विभिन्न धर्मावलंबियों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बनाये रखने में बहुत ही सकारात्मक परिणाम लाता है। फादर मिम्मो ने कहा, "यह देखते हुए कि हम ख्रीस्तीय अल्पसंख्यक हैं हमें बांग्लादेश में धार्मिक कट्टरता को कम करने के लिए इस तरह के सेमिनार का आयोजन बार-बार करना चाहिए।″

बांग्लादेश में कुल 160 करोड़ आबादी का 0.6% ख्रीस्तीय हैं। और ख्रीस्तीयों में काथलिकों की संख्या 600 हजार है।








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