वाटिकन सिटी, शनिवार, 18 फरवरी 17 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने कैलीफोर्निया के मोदेस्तो प्रांत में पोपुलर मूवमेंट की सभा में भाग ले रहे सैकड़ों विश्वासियों एवं समुदाय के नेताओं को संदेश भेजा।
सभा का आयोजन 16 से 18 फरवरी तक, समग्र मानव विकास को प्रोत्साहन देने हेतु गठित परमधर्मपीठीय नई समिति, मानव विकास के लिए अमरीका काथलिक अभियान तथा आयोजन के माध्यम से समुदायों में सुधार के लोगों के राष्ट्रीय नेटवर्क के संयुक्त पहल पर किया गया है।
संत पापा ने समाज में अधिक से अधिक सामाजिक, आर्थिक और जातीय न्याय को बढ़ावा देने हेतु संरचनात्मक परिवर्तन के लिए काम कर रहे ‘पोपुलर मूवमेंट’ के नेताओं से कहा कि हमें जरूरतमंद किसी भी व्यक्ति के लिए एक भला पड़ोसी बनना चाहिए।
धन के अदृश्य अत्याचार से प्रभावित वर्तमान के वैश्विक संकट पर चिंतन करते हुए संत पापा ने कहा कि हमारे समाज में हिंसा, भ्रष्टाचार और अन्याय से पीड़ित लोगों पर सहानुभूति प्रकट करने हेतु हमें समय अवश्य निकालना चाहिए।
भले समारितानी के दृष्टांत का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एक ऐसी अर्थव्यवस्था जिसके केंद्र में धन का देवता है दृष्टांत के उन्हीं लुटेरों की तरह निष्ठुर होता है जिन्होंने व्यक्ति पर आक्रमण कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। हम भी घायलों को अनदेखा करने का प्रयास करते हैं। पीड़ा के सीधा प्रसारण के बावजूद घांवों को चंगा करने अथवा उन बुरे तत्वों का सामना करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कुछ भी नहीं किया जाता है जिसके कारण बहुत सारे भाई बहनें घायल अवस्था में सड़क के किनारे पडे हैं।
संत पापा ने सभा के प्रतिभागियों से कहा कि ″उन संरचनाओं के अवसाद हमेशा के लिए पुते नहीं जा सकते क्योंकि कभी न कभी उनकी दुर्गन्ध अवश्य तेज हो जायेगी।″ उस दुर्गंध को तब और दबाया नहीं जा सकेगा जब लाभ के लिए एक गैर-पड़ोसी पर समाज की बुराइयों के लिए दोषी ठहराये जाने हेतु उसके भय, असुरक्षा तथा आक्रोश का फायदा उठाया जाएगा।
संत पापा ने कहा कि हमें भले समारितानी और सराय के मालिक के उदाहरणों पर चलना चाहिए जिन्होंने उन लोगों को व्यवहारिक सहायता प्रदान की जो शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से घायल थे। उन्होंने पोपुलर मूवमेंट के सदस्यों से आग्रह किया कि पारिस्थितिक संकट का मुकाबला करने तथा विस्थापितों एवं अपराधी या आतंकवादी के रूप में चिह्नित लोगों के बगल में खड़े होने में वे धीरज न खोयें।
उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपराधी नहीं होता और न ही कोई धर्म आतंकवादी किन्तु उन्होंने जोर दिया कि चरमपंथी तथा हिंसक सभी लोगों और धर्मावलम्बियों के बीच पाये जाते हैं। असहिष्णुता के द्वारा वे अधिक कठोर हो जाते तथा घृणा एवं विदेशी लोगों को न पसन्द करने की भावना से पोषित होते हैं किन्तु आतंक का सामना प्रेम से करने के द्वारा हम शांति हेतु कार्य करते हैं।
All the contents on this site are copyrighted ©. |