संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 17 फरवरी को वर्तमान परिवेश की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कराते हुए अपने ट्वीट संदेश में लिखा,
एक युवा हृदय न तो अन्याय और न ही “फेंकना की संस्कृति” को स्वीकार करता है, वह वैश्विकरण के प्रति अपनी उदासीनता में बने नहीं रहता है।
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