2017-02-09 16:17:00

नारी सामंजस्य लाती है जो विश्व को सुन्दर बनाता है


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 9 फरवरी 2017 (वीआर सेदोक): ″नारी के बिना विश्व में कोई सामंजस्य नहीं।″ यह बात संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार को वाटिकन स्थित प्रेरित आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कही।

उत्पति ग्रंथ से लिए गये पाठ पर चिंतन करते हुए उन्होंने नारी के स्वभाव पर चिंतन किया। उन्होंने कहा कि नर और नारी एक समान नहीं हैं और न ही एक-दूसरे से बढ़कर किन्तु एक-दूसरे के पूरक है जो विश्व को एक सुन्दर स्थल में परिणत कर देता है। 

उत्पति की कहानी में हम पढ़ते हैं कि ईश्वर ने हर प्रकार के जीव जन्तुओं की सृष्टि की किन्तु मानव ने उनमें किसी को अपने सहयोगी के समान नहीं पाया अतः वह अकेला था। तब ईश्वर ने मनुष्य की पसली हड्डी से एक नारी को गढ़ा जिसे देखकर नर ने अपने सहयोगी के रूप में पहचान लिया।

संत पापा ने कहा, ″कई बार जब हम नारी की बात करते हैं हम उसे कार्य करने वाली के रूप में  सोचते हैं। वास्तव में, वह उस धन को लाती है जो पुरुष के पास नहीं होता, वह सृष्टि में सामंजस्य लाती है।″ उन्होंने कहा कि नारी के बिना सामंजस्य नहीं हो सकता। नर और नारी समान नहीं हैं किन्तु एक-दूसरे से बढ़कर भी नहीं हैं। वह सामंजस्य बनाये रखती है जो सजाने एवं कोमलता से स्नेह प्रकट करने सिखलाता है तथा विश्व को सुन्दर स्थल बनाता है।

संत पापा ने प्रवचन में नर और नारी के बीच संबंध के तीन चरण बतलाये : मनुष्य का एकाकीपन, ख्वाब तथा एक हो जाना ही दोनों का भाग्य।

संत पापा ने एक नारी के गुणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका उद्देश्य न केवल कार्यों को सही ढंग से पूरा करना है किन्तु सामंजस्य स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि उनके बिना विश्व में सामंजस्य स्थापित नहीं किया जा सकता है। लोगों का शोषण करना सामंजस्य के खिलाफ अपराध है किन्तु महिलाओं से अनुचित फायदा उठाना, उससे भी बड़ा अपराध है जो उस सामंजस्य को नष्ट कर देता है जिसे ईश्वर दुनिया को प्रदान करना चाहते हैं।

संत पापा ने सुसमाचार पाठ पर चिंतन करते हुए स्मरण दिलाया कि ईश्वर ने नारी की सृष्टि कर हमें एक माता प्रदान किया है। उन्होंने कहा, ″यह ईश्वर का महान वरदान है उन्होंने हमें नारी प्रदान किया है।″ सुसमाचार पाठ एक ऐसी महिला को प्रस्तुत करता है जो अत्यन्त साहसी है दयालु और सुन्दर है। संत पापा ने गौर किया कि ईश्वर ने नारी की सृष्टि की है ताकि हमें एक माँ मिल सके।








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