2017-02-08 15:47:00

ईश्वर ने हमें अपने प्रतिरुप बनाया


वाटिकन सिटी, बुधवार, 8 फरवरी 2017 ( वी आर सेदोक) : संत पापा फ्राँसिस ने मंगलवार को अपने प्रेरितिक निवास संत मार्था के प्रार्थनालय में प्रातःकलीन मिस्सा समारोह के दौरान अपना प्रवचन उत्पत्ति ग्रंथ में वर्णित मनुष्य की उत्पति तथा स्तोत्रग्रंथ के 8वें भजन पर चिंतन करते हुए कहा, ईश्वर ने मनुष्य को अपने प्रतिरुप बनाया, उसे सारी सृस्टि का मालिक बनाया और मनुष्य के लिए एक उपयुक्त सहयोगी को बनाया जो उसे प्रेम कर सके।  

संत पापा ने कहा कि स्तोत्र ग्रंथ का 8वां भजन कहता है ″मनुष्य क्या है जो तू उसकी सुधि ले। तूने उसे स्वर्गदूतों से कुछ ही छोटा बनाया और उसे महिमा और सम्मान का मुकुट पहनाया।″  संत पापा ने ईश्वर द्वारा मनुष्य जाति को दी गई तीन बड़े उपहारों के बारे में इंगित करते हुए कहा कि ईश्वर ने हमें अपने सदृश और अपने समरुप बनाया। ईश्वर ने अपने समरुप अपने पुत्र को बनाया। पुत्र में पिता की पहचान है। पिता के लिए पुत्र हमेशा अच्छा और सुन्दर ही रहता है। अगर पुत्र में कुछ कुरुपता आ भी जाए तो पिता उसे नजरअंदाज कर देगा और बेटा सुंदर ही बना रहेगा।

संत पापा ने कहा कि ईश्वर ने मनुष्य को दूसरा बड़ा उपहार धरती को दिया। ईश्वर ने मनुष्य को पूरी धरती, जीव जन्तुओं पर शासन करने का अधिकार दिया। ईश्वर ने मनुष्य को सारी सृष्टि का मालिक ठहराने के साथ साथ उसकी सुरक्षा और देख भाल करते का भी उत्तरदायित्व सौंपा। ईश्वर ने मनुष्य का आवश्यकता का सारी वस्तुओं को प्रदान किया जिससे मनुष्य खुशी से रह सके।

ईश्वर ने मनुष्य को अपने प्रतिरुप बनाया। ईश्वर ने कहा अकेला रहना मनुष्य के लिए अच्छा नहीं, अतः उसने मनुष्य के लिए एक उपयुक्त सहयोगी नारी को बनाया। ईश्वर ने अपने प्रेम को नर और नारी के बीच साझा किया।

संत पापा ने प्रवचन के अंत में ईश्वर के इन तीन महान वरदानों के लिए धन्यवाद देते हुए सृष्टि को सुरक्षित रखने और ईश्वर के कार्यों को आगे बढ़ाने की कृपा माँगने की प्रेरणा दी।








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