2017-02-03 16:11:00

प्रवासी विरोधी कानून "अमेरिकी हृदय का निर्वासन" है


वाटिकन रेडियो, शुक्रवार, 03 फरवरी 2017, (सेदोक) दीवारों का निर्माण और प्रावासियों की रोक का अर्थ अमेरिकी हृदय का निर्वासन और राजनीतिक भय द्वारा संचालित किया जाना है उक्त बातें अमेरिकी ईश शास्त्री लातीनो आध्यात्मिक और नोत्रे डेम विश्व विद्यालय के पुरोहित डान गुरूडी ने कही।

वाटिकन रेडियो की फिलिप्पा हिचेल से अपनी वार्ता के दौरान उन्होंने बतलाया कि वे यू.एस और मैक्सिको की सीमा रेखा पर प्रवासियों हेतु आध्यात्मिक साधना का संचालन करते हुए प्रवासियों के ईश शास्त्रीय मनोभावों का विकास किया है, यह ख्रीस्तीयों को प्रवासियों के रुप में प्रस्तुत करता है क्योंकि येसु ख्रीस्त स्वयं एक प्रवासी के रुप में मानव समाज में आये जो एक अवैध प्रवासी के रुप में “मरियम को नियमों से बाहर करते हैं।”

पुरोहित डान ने लातीनो आध्यात्मिकता की पहल उस समय की जब वे पराग्वे, अर्जेटीना और चिली में तानाशाह काल के दौरान जीवन यापन करते थे। अपने पुरोहिताई अभिषेक के उपरान्त उन्होंने दक्षिणी कलिफ्रोरिनिया में वैली मिशनरी कार्यक्रम के तहत कार्य किया और प्रवासी समुदायों को अध्यात्मिक साधना देते हुए “लातीनों समुदाय के जीवन, विश्वास और सजीवता की खोज की।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंफ के द्वारा यू.एस और मैक्सिको सीमा रेखा में दीवार निर्माण की घोषणा “अमेरिकी हृदय के निर्वासन और राजनीति भय” द्वारा संचालित होने को घोषित करता है। इसके द्वारा प्रवासियों को और भी कठिनाइयों का सामना करना होना साथ ही यह स्थिति “विश्व एकता” को बढ़ाव देने के बदले राष्ट्र के लिए और अधिक शत्रुओं को तैयार करेगा। काथलिक समुदायों और नेताओं ने राष्ट्रपति के निर्देशित नियमावलियों को गहरे विभाजन का स्वरूप कहा है।

अपने ईश शास्त्रीय विचार को व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि येसु का मानव बनना हमें उनके प्रवास को दिखलाता है, जो मानव का रूप धारणा कर हमारे बीच आये और अपने पिता की इस परियोजना के अनुसार “मरियम को नियमों से बाहर” कर दिया। उन्होंने कहा, “क्यों ईश्वर मरियम के गर्भ में एक प्रवासी की भांति आते और मानव बनते हैं? यह उनकी आशा को व्यक्त करता है जिससे जो नियम के बाहर हैं, जो अवैध समझे जाते हैं उन्हें समाज में सम्मिलित किया जा सकें।

उन्होंने कहा कि जब हम अपनी सीमाओं के बंद करते हुए अपने जरूरतमंद पड़ोसियों की ओर से मुंह मोड़ लेते हैं तो हम अपने को अपनी ही मानवता से अगल करते हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा “कलीसिया प्रवासियों को नहीं बचाती बल्कि प्रवासी कलीसिया को बचाते हैं।”








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