2017-01-31 09:59:00

सर्बिया, मोन्टेनेग्रो, मकदूनिया, कोसोवो के धर्माध्यक्षों ने की सन्त पापा से मुलाकात


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 31 जनवरी 2017 (सेदोक): वाटिकन में सन्त पापा फ्राँसिस ने सोमवार को सर्बिया, मोन्टेनेग्रो, मकदूनिया एवं कोसोवो के काथलिक धर्माध्यक्षों से मुलाकात कर उन्हें अपना सन्देश दिया।

इन राष्ट्रों के काथलिक धर्माध्यक्ष, "आद लिमिना अपोस्तोलोरुम" अर्थात् काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष के साथ अपनी पंचवर्षीय पारम्परिक मुलाकात के लिये रोम में हैं। ये सभी धर्माध्यक्ष सन्त सिरिल एवं सन्त मेथोदियुस को समर्पित अन्तरराष्ट्रीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के सदस्य हैं। सम्मेलन के अध्यक्ष, सर्बिया के दिव्य शब्द धर्मसमाजी, धर्माध्यक्ष लादिसलाव नेमेत ने वाटिकन रेडियो से बातचीत में कहा कि ख्रीस्तीयों के बीच एकता तथा अन्य धर्मों के साथ सम्वाद धर्माध्यक्षीय सम्मेलन का महत्वपूर्ण पक्ष है। 

उन्होंने कहा, "सर्बिया की यदि बात करें तो परमधर्मपीठ एवं सर्बिया की ऑरथोडोक्स कलीसिया के बीच सम्बन्ध अच्छे हैं। कोसोवो में, अन्तरधार्मिक सम्वाद और अधिक अर्थपूर्ण है इसलिये कि काथलिक धर्मानुयायी मुसलमानों के बीच जीवन यापन कर रहे हैं। जबकि मोन्टेनेग्रो एवं मकदूनिया में आधिकारिक ऑरथोडोक्स कलीसिया के साथ सम्बन्ध बनाये रखना काथलिक कलीसिया के लिये एक चुनौती है।"

धर्माध्यक्ष नेमेत ने बताया कि भूतपूर्व युगोस्लाविया के उक्त देशों के बीच बहुत से अन्तर हैं और इसीलिये उन्होंने परमधर्मपीठ से निवेदन किया है कि अन्तरराष्ट्रीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलन को राष्ट्रीय सम्मेलनों में विभाजित कर दिया जाये।

उन्होंने कहा, "चार अलग-अलग देश हैं और सभी में अल्ग-अलग विधान हैं: केवल सर्बिया में हमें प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में धर्मशिक्षा प्रदान करने का अधिकार है। मोंटेनेग्रो की  सरकार ने परमधर्मपीठ के साथ एक मौलिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि, अन्य देशों के साथ इस प्रकार का कोई समझौता नहीं है।" तथापि, धर्माध्यक्ष ने कहा कि चारों देशों के बीच सहयोग एवं समन्वय का होना नितान्त आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि ये सभी राष्ट्र महान चुनौतियों एवं कठिनाइयों के दौर से गुज़र रहे हैं जिनका सामना करने के लिये काथलिक कलीसिया का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण है।








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