2017-01-31 15:08:00

येसु हमेशा अपने लोगों के बीच उपस्थित हैं, सत पापा फ्राँसिस


वाटिकन सटी, मंगलवार,31 जनवरी 2017(सेदोक) : यदि हम अपनी नज़रें येसु पर स्थिर करें तो हमें इस बात पर आश्चर्य होगा कि येसु को हम बड़े प्रेम से अपनी ओर निहारते हुए पाएँगे। संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित प्रेरितिक निवास संत मार्था के प्रार्थनालय में संत जोन बोस्कों के नाम दिवस पर यूखरीस्तीय समारोह के दौरान कही।

इब्रानियों के पत्र से लिए गये पाठ पर चिंतन करते हुए संत पापा ने कहा कि हमें दृढ़ता के साथ येसु में अपनी नज़रें टिकाये रखनी चाहिए। येसु हमेशा हमारे समीप और हमारे साथ हैं। आज के सुसमाचार में हम पाते हैं कि जब कभी येसु बाहर निकलते थे तो उनके पीछे भीड़ जमा हो जाती थी। लोगों को जमा करने के लिए येसु को प्रचार करने की जरुरत नहीं होती थी। येसु की बातें सुनने के लिए लोग भीड़ के भीड़ जमा हो जाते थे। येसु भीड़ को नहीं पर प्रत्येक पर नजर रखते और एक एक करके चंगा करते थे।

संत पापा ने कहा कि संत मरकुस के सुसमाचार में हम पाते हैं कि 12 वर्षों से रक्तश्राव से ग्रसित नारी ने बड़े साहस और विश्वास के साथ भीड़ में येसु के वस्त्र का स्पर्श किया। येसु ने उस महिला के चंगा कर दिया। येसु ने जैरुस की 12 वर्षीय पुत्री के जीवन दान दिया। बच्ची को भूखा देख येसु ने उसके माता-पिता को बच्ची के लिए कुछ खाने को देने को लिए कहा।

येसु छोटे बड़े सभी लोगों पर नज़र रखते हैं। येसु की नजर हमारी छोटी बड़ी सभी खुशियों और समस्याओं पर भी टिकी रहती है। अतः आइए हम भी बड़ी दृढ़ता के साथ अपनी नज़रें येसु पर टिकाये रखें। हममें भी वही होगा जैसा उन लोगों पर हुआ था जब येसु ने जैरुस का बेटी को जीवन दान दिया था। वे सभी आश्चर्य चकित हो गये थे।

संत पापा ने कहा, ″मुझे लगता है कि मैं येसु की खोज में जाता हूँ, उनकी ओर दृष्टि डालने की कोशिष करता हूँ पर येसु पहले से ही मुझपर दृष्टि डाले हुए मिलते हैं और मुझे आश्चर्य चकित कर देते हैं। संत पापा ने उपस्थित विश्वासियों को उस स्त्री के समान येसु का कपड़ा स्पर्श करने हेतु साहस और हमेशा येसु पर अपनी दृष्टि स्थिर रखते हुए विश्वास के साथ आगे बढ़ते जाने की प्रेरणा दी।








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