2017-01-25 15:20:00

पाकिस्तानी कार्यकर्ताओं के लिए, बुद्धिजीवियों का अपहरण राज्य की विफलता है


लाहौर, बुधवार 25 जनवरी 2017 (एशियान्यूज) : पाकिस्तान के पाँच बुद्धिजीवी कार्यकर्त्ताओं का अपहरण, तीन सप्ताह से उनका लापता होना, यह राज्य की विफलता है, उक्त बात रवादारी तहरीक आंदोलन (सहिष्णुता के लिए आंदोलन) के प्रधान सामसोन सलमात ने एशिया न्यूज से कही।

अन्य पाकिस्तानी कार्यकर्त्ताओं के साथ वे भी प्रोफेसर सलमान हैदर और चार लाहौर ब्लॉगर्स के लिए चिंतित हैं, जो तीन सप्ताह से लापता हैं। संभवतः पुलिस ने सरकार के कट्टरपंथी तत्वों और सैन्य प्रतिष्ठान की आलोचनात्मक टिप्पणियों के लिए उन्हें हिरासत में ले लिया है।

सलमात ने कहा, ″अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार कानून और पाकिस्तान का संविधान विचारों और विवेक की स्वतंत्रता तथा उसकी अभिव्यक्ति की गारंटी देता है। इसलिए राज्य और इसकी संस्थाओं का फर्ज बनता है कि बिना भेदभाव के सभी नागरिकों की स्वतंत्रता और अधिकार की रक्षा करें।"

उनके अनुसार, प्रोफेसर सलमान हैदर और चार लाहौर ब्लॉगर्स का लापता होना सरकार के कार्यों के बारे में गंभीर सवाल उठाती है। विशेषकर उन बुद्धिजीवियों को खोज निकालने के लिए सरकार की ओर से कोई प्रयास नहीं किया गया है।

सलमात ने कहा कि संविधान के 10 वे अनुच्छेद के उपधारा ‘ए’ के अनुसार आरोपी को अदालत के समक्ष पेश किया जाना जरूरी है जिससे कि वह अपनी बेगुनाही साबित कर सके।

दुर्भाग्य से, कई मामलों में, ऐसा नहीं होता है। यह बहुत दुःखद बात है कि कार्यकर्ताओं को दूसरों के विचारों से असहमति दिखाने और अपने प्रगतिशील विचारों को प्रकट करने के लिए अपहरण कर लिया गया है।

 








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