2017-01-14 15:05:00

"देश संकट में है लेकिन हमें निराशा और हिंसा के प्रलोभन का विरोध करना चाहिए", चाड के धर्माध्यक्ष


न्दामेना, शनिवार 14 जनवरी 2017 (फीदेस) : चाड के धर्माध्यक्षों ने फीदेस को बताया कि चाड बहुत ही कठिन परिस्थिति से गुजर रहा है। देश में राष्ट्रपति चुनाव प्रबंधन पर हुए विवादों की वजह से वेतनों का भुगतान रुक गया है, आर्थिक और वित्तीय संकट से निपटने के लिए सरकार ने बहुत ही कठोर कदम उठाया है।

धर्माध्यक्षों का कहना है कि सरकार और विपक्षी दलों तथा संस्थाओं और नागर समाज के बीच "संवाद की कमी" है जो लोकतंत्र के लिए एक गंभीर खतरा है। चाड जब से तेल का निर्यात करना शुरु किया है देश ने कृषि और चरागाह के पेशे को खो दिया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में भारी गिरावट के साथ साथ देश में तेल राजस्व के कुप्रबंधन भी प्रकाश में लाया है। प्राथमिक क्षेत्रों में दलचस्पी की कमी और मरुस्थलीकरण की बढ़ोतरी चरवाहों और किसानों के बीच खूनी संघर्ष का कारण है।

धर्माध्यक्षों ने हर किसी से देश को संकट से बाहर निकलने की अपनी जिम्मेदारी तथा निराशा और हिंसा के प्रलोभन से बचे रहने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा,″ देश का भविश्य आपके हाथों में है। अतीत की त्रुटियों और पराजित हुए रास्ते से हटकर एक नया रास्ता निकालना आप पर निर्भर करता है। यह तभी संभव है, अगर वहाँ के लोगों में सहिष्णुता, विभिन्नताओं के लिए सम्मान और आपसी स्वीकृति के लिए सम्मान है।








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