वाटिकन सिटी,सोमवार,9 जनवरी 2017 (सेदोक) : संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार को सभी धार्मिक अधिकारियों से ″ईश्वर के नाम पर कोई किसी को भी नहीं मार सकता है,″ की स्पस्ट पुष्टि में शामिल होने की अपील की। विश्व में सत्ता और प्रभुत्व को हासिल करने के लिए ईश्वर के नाम का गलत इस्तेमाल कर नरसंहार करना पागलपन है।
संत पापा फ्राँसिस ने परमधर्मपीठ के अधिकृत राजनयिकों के वार्षिक सम्मेलन के दौरान संबोधन में कहा, ″कट्टरपंथी आतंकवाद आध्यात्मिक गरीबी का फल है और अक्सर यह सामाजिक गरीबी से जुड़ा रहता है।″ इसे पूरी तरह से केवल धार्मिक और राजनैतिक नेताओं के संयुक्त योगदान से हराया जा सकता है।
संत पापा ने कहा कि आज के माहौल में वर्तमान के सामान्य आशंका और अनिश्चितता भविष्य के लिए चिंता का विषय है। ऐसे समय में मैं आशा के बारे बात करना चाहता हूँ जो हमारे हमें आगे बढ़ने का मार्ग दिखाता है।
संत पापा ने कुछ क्षेत्रों को इंगित किया जहां संघर्ष लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहा है
संत पापा ने कहा कि बीते कुछ वर्षों के दौरान अफगानिस्तान, बांग्लादेश, बेल्जियम, बुर्किना फासो, मिस्र, फ्रांस, जर्मनी, जॉर्डन, इराक, नाइजीरिया, पाकिस्तान, संयुक्त राज्य अमेरिका, ट्यूनीशिया और तुर्की में आतंकवादी हमलों की वजह से अनेक लोगों की मौत हुई। नाइजीरिया में बच्चों को मारने के लिए इस नीच कार्य का उपयोग किया गया था। कैरो के कोप्टिक महागिरजाधर में प्रार्थना करते हुए लोगों को, ब्रसेल्स में यात्रियों और कार्यकर्ता को, नीचे और बर्लिन शहरों की गलियों में चलते हुए निर्दोष लोगों तथा इस्तानबुल में नए वर्ष की खुशियाँ मनाते हुए लोगों पर बेवजह हमला किया गया।
संत पापा ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को विश्व शांति हेतु काम करने की अपील की। संत पापा ने कहा, ″शांति एक उपहार, चुनौती और प्रतिबद्धता है। यह उपहार है क्योंकि क्योंकि यह ईश्वर के दिल से बहती है। यह चुनौती है क्योंकि यह एक ऐसी चीज है जिसे बिना प्रमाण के सही मान लेना गलत है। यह प्रतिबद्धता है क्योंकि इसे हासिल करने के लिए भले लोगों को अथक परिश्रम करना पड़ता है।
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