इस्लामाबाद, गुरुवार, 29 दिसम्बर 2016 (एशियान्यूज़): भारत में नोटबन्दी की नाकामी के बाद पाकिस्तान की सरकार ने 5000 रुपये के नोट वापस लेने के प्रस्ताव को रद्द कर दिया है।
पाकिस्तानी संसद ने अवैध धन का पता लगाने तथा काले धन पर रोक लगाने के लिये 5000 रुपये के नोट वापस लेने का प्रस्ताव किया था किन्तु भारत में नोटबन्दी की असफलता के मद्देनज़र पाकिस्तान के वित्तमंत्री ने प्रस्ताव का बहिष्कार कर दिया है। भारत में नोटबन्दी के बाद लोगों को हुई परेशानियों को दृष्टिगत रख पाकिस्तान ने 5000 रुपये के नोट वापस लेने के बजाय डिजिटल बैंकिग पर ध्यान लगाने का फैसला किया है।
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, "लेनदेन में नकदी के सतत उपयोग को देखते हुए सरकार का मानना है कि 5000 रुपये के नोट को वापस लेने पर व्यापार में मुद्रा विनिमय की क्षमता प्रभावित होगी।"
पाकिस्तान की सीनेट ने इस माह एक प्रस्ताव पारित कर सरकार से भारत की तरह ही 5000 रुपये के नोट वापस लेने का आह्वान किया था ताकि अवैध धन के प्रवाह को कम किया जा सके, बैंक खातों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा सके तथा अपंजीकृत अर्थव्यवस्था के आकार को कम किया जा सके।
पाकिस्तान में 5000 रुपये के नोट उसी तरह प्रचलन में हैं जिस प्रकार से भारत में 500 और एक हज़ार रुपये के नोट चला करते थे।
भारत की तरह पाकिस्तान में बहुत से लोग कृषि क्षेत्र में काम करते हैं जहाँ प्रायः लेनदेन नकदी में की जाती है इसका कारण यह भी है कि अधिकांश लोगों के पास बैंक अकाऊन्ट्स नहीं हैं।
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