2016-12-22 16:21:00

वाटिकन कार्यकर्तों को संत पापा की ख्रीस्त जयंती शुभकामनाएँ


वाटिकन सिटी, गुरूवार, 22 दिसम्बर 2016 (सेदोक) संत पापा ने संत पापा पौल षष्टम के सभागार में वाटिकन कार्यकर्तों से मुलाकात करते हुए उन्हें ख्रीस्त जयंती की शुभ कामनाएँ अर्पित की।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वे ईश्वर के सभी उपहारों के लिए उनका धन्यवाद करते हैं। हम ख्रीस्त जयंती के अवसर पर ईश्वर पिता का धन्यवाद करते है जिन्होंने अपने बेटे येसु ख्रीस्त को हमारे लिए एक अनमोल उपहार स्वरुप प्रदान किया है जो कुंवारी मरियम से जन्म ले कर दुनिया में आते हैं।

आज हम ईश्वर का धन्यवाद उनके कार्य स्वरुप दिये गये उपहार के लिए भी धन्यवाद देते हैं क्योंकि यह हमारे लिए और हमारे परिवार के लिए महत्वपूर्ण है। अपनी कृतज्ञता के इस क्षण में हम इटली और विश्व के उन लोगों की याद करते हैं जो बेरोजगार हैं। बुहत से लोग ऐसे हैं जो कार्य करते लेकिन उन्हें उनके कार्यों का उचित वेतन नहीं मिलता है, वे जो अपने कार्य क्षेत्र में  स्वास्थ्य संबंधी बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करते हैं हम उनके लिए भी ईश्वर का धन्यवाद करते हैं।

उन्होंने कहा कि हम अपने कार्य के प्रति उत्तदायी बन रहें जो हमारा अधिकार है। आज मैं आप सभों की सेवाओं हेतु विशेषकर आप की मेहनत और त्याग हेतु आप का धन्यवाद करता हूँ क्योंकि बहुत बार आप अस्वास्थ्य और पारिवारिक कठिनाइयों के बावजूद अपनी सेवा देने हेतु नहीं चुकते हैं। वाटिकन के आप की सेवा में उदारता के साथ-साथ आप के सहयोग और कार्यकुशलता का भी अनुभव किया है। यह उचित और आवश्यक है कि इसके लिए मैं आप सबों का शुक्रिया अदा करूँ।

यह वर्ष हमारे लिए करुणा की जयंती वर्ष रहा है जिसे आप निश्चय ही याद करते हैं। इस विशेष वर्ष में हमें पवित्रो द्वारों की तीर्थयात्रा की। ईश्वर ने इस वर्ष को हमारे लिए अपने कृपादानों से भर दिया। क्या आप को लगता है कि ईश्वर की कृपा जयंती वर्ष की समाप्ति के साथ समाप्त हो गई, ऐसी बात नहीं है। ईश्वर की कृपाएं हमारे जीवन में व्याप्त है क्योंकि यह हमारे जीवन को फलप्रद बनाती है जिसका अनुभव हम अपने घरों और अपने कार्य क्षेत्रों में करते हैं। ख्रीस्त जयंती हमें इस बात की याद दिलाती है कि हम ईश्वर की कृपा जो मुक्तिदाता बालक येसु ख्रीस्त के रुप में हमे जीवन में आयी हमें अपने जीवन के नम्रता, दीनता और ईश्वर की इच्छा के अनुरूप जीवन की शिक्षा देती है। संत पौलुस इस बात का जिक्र करते हुए कहते हैं कि ईश्वर की कृपा हमारे लिए येसु ख्रीस्त में प्रकट हुई है। वे  पिता के प्रेम का निशानी हैं जो पवित्र आत्मा के द्वारा हमारे लिए मानव बन कर धरती पर आये। उस पवित्र आत्मा को हमने बपतिस्मा और दृढ़ीकरण संस्कार में ग्रहण किया  है लेकिन इस हमें अपने रोज दिन के जीवन में जीने की जरूरत है।

संत पापा ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि आप लोगों से आग्रह करता हूँ कि आप ख्रीस्त जयंती की विशेष शुभकामनाएँ परिवार के बच्चों और बुजुर्गों को दें क्योंकि वे परिवार के महत्वपूर्ण अंग हैं। आप अपने परिवार के बीमार लोगों का भी साथ दे मैं अपनी ओर से आप सभों को और आप के परिवार के सभी सदस्यों को ख्रीस्त जयंती की शुभकामनाएं अर्पित करता हूँ आप का हृदय ईश्वर की करुणा और जयंती वर्ष की कृपा से सरोबोर रहे। 








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