2016-12-16 16:39:00

याजक सच्चाई का पक्ष लें, संत पापा फाँसिस


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 16 दिसम्बर 2016 (सेदोक) संत पापा फाँसिस ने संत मार्था के निवास में अपने प्रातःकालीन मिस्सा बलिदान के दौरान गुरुवार को संत योहन बपतिस्ता के जीवन पर अपना चिंता प्रस्तुत करते हुए कहा कि पुरोहितों को सच्चाई का पक्ष लेने की  घोषित करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि जनता योहन बपतिस्ता की खोज करने हेतु मरुभूमि में जाती है। फरीसी और शास्त्री बपतिस्मा लेने के मनोभाव से योहन के पास नहीं आते वरन वे उनके बारे में जाँच पड़ताल करने आते हैं। आज के सुसमाचार में येसु लोगों से पुछते हैं कि वे मरुभूमि में क्या देखने गये थे हवा से हिलते हुए सरकंडे को? चमकीले वस्त्र पहने हुए लोगों को? संत पापा ने कहा कि वे योहन बपतिस्ता को देखने हेतु आते हैं जो नबी में सबसे महान हैं जिसके समान और दूसरा कोई नहीं हुआ है। योहन के बारे में जिक्र करते हुए संत पापा ने कहा, “योहन बपतिस्ता एक निष्ठावान व्यक्ति है जो ईश्वर के द्वारा दिये गये कामों को बखूबी करता है। वह अपने में महान और ईमानदार है और उसकी महानता उसके वचनों में झलकती है।”

उन्होंने सच्चाई को कड़े रुप में लोगों के सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने फरीसियों और शास्त्रियों को “प्रिय मित्रों” कह कर संबोधित नहीं किया वरन उन्होंने उन्हें सांप के बच्चों कहा कर चेतावनी दी क्योंकि वे उसकी तहक़ीक़ात करने हेतु आते थे। उन्होंने अपने को जोखिम में डाला लेकिन वह अपने में विश्वासी बना रहा। उनसे हेरोद को उसके कुकर्मों के लिए चुनौती दी। संत पापा ने कहा कि यदि आज कोई धर्माध्यक्ष किसी को सांप के बच्चों और दुराचारियों कहा कर संबोधित करे तो उसे कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। “उसे हटाईये क्योंकि यह हमारी बेइज्जती करता है।”  लेकिन योहन ने लोगों को कड़े शब्दों में चुनौती दी क्योंकि वह अपने बुलाहट के प्रति ईमानदार और सत्य का प्रतिपालक था।

संत पापा ने कहा कि उन्होंने नाकेदारों और पापियों का स्वागत किया और उन्हें पश्चाताप का उपदेश देते हुए कहा, “जरूरत से ज्यादा मत माँगों।” उन्होंने सिपाहियों से कहा कि वे अपने वेतन से संतुष्ट रहें और लोगों को प्रताड़ित न करें। संत पापा ने कहा कि जब पुलिसवाले आप को रोकते और नाशेबाजी की जाँच करते तो वे कुछ मोल-तोल करते हैं। योहन ने लोगों को बपतिस्मा दिया क्योंकि वह जनता था कि ईश्वर पश्चातापी हृदय की देख-रेख करेंगे। इस तरह वह लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने हेतु मदद करता है। एक प्रेरित के रूप में उसने लोगों की स्थिति को समझते हुए उन्हें ईश्वर की ओर लौटने हेतु मदद की। यह योहन था जिसे येसु की ओर इंगित करने की कृपा दी गई थी।

संत पापा ने कहा कि योहन बपतिस्ता अपने में महान, बड़ा और अपनी बुलाहट में मजबूत था फिर भी उसे संदेह हुआ। कैदखाने में बंद उसे मुक्तिदाता येसु में संदेह हुआ यद्यपि उन्होंने येसु को अपने हाथों से बपतिस्मा दिया था। अपने संदेह के कारण उन्होंने अपने चेलों को यह पता करने भेजा कि क्या वे ही मसीह हैं जो आने वाले थे, और येसु उसके सवालों का उत्तर अपने कामों की चर्चा करते हुए देते हैं।

महान व्यक्ति भी अपने जीवन में संदेह करते हैं संत पापा ने कहा, “और यह अपने में महान है।” वे अपनी बुलाहट में निश्चित रहते लेकिन जब-जब येसु उन्हें एक नये मार्ग में ले चलते तो वे संदेह के घेरे में पड़ जाते हैं। यह कार्य शैतान के द्वारा किया जाता है जिसमें मित्र भी बहुत बार हमारा सहयोग करते हैं।

संत पापा ने कहा कि आइए हम योहन बपतिस्ता से निवदेन करें कि वे हमें सदैव सच्चाई को घोषित करने में मदद करें। हम अपने प्रेरितिक स्नेह में लोगों को ईश्वर की ओर आने हेतु मदद कर सकें, क्योंकि बाकी ईश्वर के हाथों में निर्भर है। संत योहन हमें अपनी जीवन यात्रा में मदद करे कि हम येसु के मार्ग पर सदा चल सकें।

 








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