2016-12-14 16:03:00

दो याजिदी महिलाओं ने किया स्वीकार यूरोपीय संघ का सखारोव पुरस्कार


ब्रुसेल्स, बुधवार, 14 दिसम्बर 2016 (वीआर सेदोक) :  इस्लामिक स्टेट समूह द्वारा यौन दासता के चंगुल से भाग निकली दो याजिदी महिलाओं ने मंगलवार 13 दिसम्बर को मानवीय अधिकार के लिए यूरोपीय संघ का सखारोव पुरस्कार स्वीकार किया और कहा कि वे उनके समान पीड़ा सहती महिलाओं के लिए आवाज उठाना जारी रखेंगी। 18 वर्षीय लामिया अजी बशार ने कहा कि मानवीय अधिकार के लिए यूरोपीय संघ का सखारोव पुरस्कार उन सभी लड़कियों और महलाओं का है जिन्हें इस्लामिक स्टेट ने अपने यौन दासता के चंगुल में कैद कर रखा है। उसने और 23 वर्षीय नादिया मुराद ने इस्लामिक स्टेट समूहों की यंत्रणाओं और उनसे बच निकलने की सारी बातें बताईं।  उनकी हृदय स्पर्शी गवाही ने यूरोपीय संघ के सांसदों को खामोश कर दिया था। अपने संदेश में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपने लोगों की सुरक्षा की माँग की जो उत्तरी इराक में करीब 500,000 लोग अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में जी रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सीरिया और ईराक में सैकड़ों याजिदी  महिलाओं और लड़कियों को अभी भी आतंकवादियों ने बंदी बना रखा है। याजिदी एक प्राचीन धर्म को मानते हैं जन्हें इस्लामिक स्टेट और अन्य कट्टर पंथी मुस्लिम स्वधर्मभ्रष्ट मानते हैं।

यह पुरस्कार सोवियत विरोधी आंद्रेई सखारोव के नाम पर सन् 1988 में , व्यक्ति विशेष या समूहों को मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता की रक्षा के सम्मान में दिया जाता है।








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