2016-12-13 10:21:00

ढाकाः आप्रवास एवं विकास मंच को सन्त पापा फ्राँसिस ने भेजा सन्देश


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 13 दिसम्बर 2016 (सेदोक): बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 10 से 12 दिसम्बर तक जारी रहे विश्वव्यापी आप्रवास एवं विकास मंच को सन्त पापा फ्राँसिस ने एक सन्देश प्रेषित किया है। इस सन्देश में उन्होंने विश्व की सरकारों एवं स्थानीय राजनैतिक अधिकारियों से अपील की है कि वे भारी संख्या में लोगों के आप्रवास से उत्पन्न संकट का सामना करने के लिये उपयुक्त नीतियों का निर्माण करें।  

वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन द्वारा प्रेषित अपने सन्देश में सन्त पापा ने स्मरण दिलाया है कि आप्रवास एवं विकास का एक दूसरे से घनिष्ठ सम्बन्ध है और चूँकि आप्रवास निर्धनता, युद्ध तथा मानव तस्करी जैसे अभिशापों का परिणाम है, धारणीय विकास एवं पर्यावरण की सुरक्षा के कार्यों को सघन करना नितान्त आवश्यक है।

संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वाधान में ढाका में, 10 से 12 दिसम्बर तक सम्पन्न उक्त मंच में विश्व की सरकारों एवं राष्ट्राध्यक्षों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

वाटिकन की ओर से मान्यवर गाब्रिएल बेन्तोलियो ने विचार विमर्श में भाग लिया। सन्त पापा फ्राँसिस का सन्देश पढ़ते हुए उन्होंने स्मरण दिलाया कि परमधर्मपीठ हमेशा ही प्रत्येक मानव व्यक्ति की प्रतिष्ठा एवं उसकी मर्यादा के सम्मान पर बल देती रही है।

उन्होंने कहा कि सन्त पापा फ्राँसिस की मंगलकामना है कि विचार विमर्श के लिये निर्धारित विषयों के साथ अन्तरराष्ट्रीय अर्थ व्यवस्था को संचालित करने में सक्षम वैश्विक नेतृत्व, सामयिक संकट का सामना करने हेतु लघु अर्थ व्यवस्थाओं को सहायता, निरस्त्रीकरण, खाद्य सुरक्षा, शांति निर्माण, पर्यावरण की रक्षा तथा आप्रवास को नियमित करने की आवश्यकता आदि विषयों को भी सम्मिलित किया जाये।   

सम्पूर्ण विश्व में बढ़ती आप्रवास की प्रवृत्ति के मद्देनज़र मान्यवर बेन्तालियो ने कहा कि हालांकि आज आप्रवास पहले से कहीं अधिक द्रुत गति से बढ़ता जा रहा है तथापि इसके सकारात्मक परिणामों को देखने के बजाय इससे संलग्न समस्याओं पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसीलिये परमधर्मपीठ आप्रवास को मानव प्रतिष्ठा एवं एकात्मता के प्रोत्साहन की दृष्टि से देखना चाहती है तथा नागर समाज एवं सरकारों से भी आग्रह करती है कि वे इसी नज़रिये से इस मुद्दे का समाधान ढूँढ़े।








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