2016-12-08 15:09:00

बाल सैनिक भर्ती को बंद किये जाने हेतु धर्माध्यक्ष की अपील


मनिला, बृहस्पतिवार, 8 दिसम्बर 2016 (ऊकान): उत्तरी मीनदनाओ स्थित ओज़ामिस के महाधर्माध्यक्ष मार्टिन जुमोअद ने सरकार से अपील की है कि बाल सैनिक भर्ती को बंद किया जाए तथा बच्चों के जीवन स्तर एवं शिक्षा में सुधार किया जाए।  

उन्होंने कहा, ″हमारी सरकार को अच्छाई का पक्ष लेते हुए युवाओं से सहानुभूति रखने हेतु अपने प्रयासों को दोगुणी कर देनी चाहिए।″ मिनदनाओ एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र है तथा यहाँ मुस्लिम और कम्युनिस्ट विद्रोही समूह के बीच संघर्ष जारी है। 

महाधर्माध्यक्ष के अनुसार, मिनदनाओ में बाल सैनिक भर्ती कोई नई बात नहीं है, मौटे जैसे दल ने पहले भी ऐसा किया है।

गरीबी एवं माता-पिता के निर्देशन का अभाव, अकसर बच्चों को पैसा अर्जित करने हेतु विद्रोही दल में भर्ती होने के लिए ढकेल देता है। 

मोनसिन्योर जुमोअद ने कहा कि पुरोहितों एवं प्रचारकों को देहात के लोगों तक पहुँचने का प्रयास करना चाहिए ताकि वे भी ईश्वरी मूल्यों को सुन सकें और उसे अपने जीवन में अमल कर सकें।

उन्होंने जोर देकर कहा कि बच्चों को सैनिक के रूप में भर्ती किया जाना अस्वीकार्य है क्योंकि यह मानव अधिकार का उलंघन है। यह विश्वास के परे है कि बच्चे सैनिक के रूप में प्रयोग किये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ″मिनदनाओ कभी शांतिपूर्ण स्थल नहीं बन सकता यदि हिंसा के कार्य में बच्चों को शामिल किया जाता रहे। बच्चों को स्कूल में होना चाहिए ताकि मिनदनाओ का भविष्य उज्ज्वल हो।″

मोरो इस्लामिक लिबरेशन फ्रंट ( MILF) मिनदनाओ का सबसे बड़ा शस्त्र दल है जिसने खनिज पदार्थों से सम्पन्न क्षेत्र की स्वतंत्रता के लिए दशकों से संघर्ष करता आया है।

संघर्ष के कारण हज़ारों की जानें जा चुकी है और अनुमानतः 312 बिलीयन डॉलर खर्च हुए हैं। 24 जनवरी 2014 में मोरो इस्लामिक लिबरेशन फ्रंट तथा फिलीपींस की सरकार ने क्वाला लुम्पुर में एक शांति संझौते पर हस्ताक्षर किया था।

इन वर्षों के संघर्ष के दौरान और आज भी सैकड़ों बच्चों को विद्रोही दल में भारती होने के लिए अपना घर छोड़ना पड़ रहा है। जिनमें से सभी को सैन्य शिक्षा नहीं दी जाती है अनेकों को विभिन्न प्रकार के अन्य कार्यों में लगाया जाता है।  








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