2016-11-29 15:19:00

भारतीय नकदी की कमी से रविवारीय चंदा पर असर


नई दल्ली, मंगलवार, 29 नवम्बर 2016 (ऊकान) : 8 नवंबर को उच्च मूल्य के रुपयों को वापस लेने हेतु भारत सरकार के निर्णय के बाद लोगों के पास नकदी की कमी के कारण कुछ गिरजाघरों में रविवारीय चन्दों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।  

केरल स्थित एरनाकुलम और कोट्टायाम ख्रीस्तीय बहुल राज्यों के अनेक गिरजाघरों में रविवारीय संग्रह में 40 प्रतिशत की गिरावट आई है। केरल की व्यावसायिक राजधानी कोच्चि के बाहरी इलाके में स्थित काक्कानाड के संत फ्राँसिस गिरजाघर में रविवारीय संग्रह एक मात्र 3,000 रूपए जमा हुए हैं। फादर जोस थोट्टाकारा ने कहा कि 450 परिवारों वाले इस पल्ली फंड में गिरावट के कारण उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

चंगनाचेरी महाधर्मप्रांत के संत सेबास्टियन गिरजाघर के ट्रस्टी जोनी थेक्काकारा ने कहा, "छोटे नोटों की कमी  रविवारीय संग्रह में गिरावट का प्रमुख कारण है।" बड़े नोटों के दुर्लभ हो जाने से लोग छोटे नोटों को देना नहीं चाहते हैं।

गोवा की काथलिक बहुल पल्लियाँ डबल परेशानी का सामना कर रही हैं। क्येंकि कुछ पुरोहितों ने पल्लीवासियों की मदद करने के लिए उनके रुपयों का आदान प्रदान किया पर राज्य के टैक्स अधिकारियों के सामने वे संदिग्ध बन गए हैं।

गोवा महाधर्मप्राँत के मुख्य़तार फादर वालेरियानो वाज़ ने ऊका समाचार से कहा, " आपके और मेरे लिए यह एक भले सामारी का काम हो सकता है लेकिन अधिकारी प्रश्न पूछना शुरु कर देगे।"

कालानगुटे स्थित संत अलेक्स पल्ली के पल्ली पुरोहित फादर सिप्रियन डीसिल्वा ने कहा कि रविवारीय संग्रह में 40 प्रतिशत की कमी आई है पहले करीब 70,000 रुपये जमा होतो थे पर सरकार द्वारा रुपये वापस लेने के बाद अब 48,000 रुपये जमा हुए।

मध्यप्रदेश के झबुआ धर्मप्रांत के जनसंपर्क अधिकारी फादर रोकी शाह ने ऊका समाचार से कहा कि सरकार द्वारा विमुद्रीकरण के बाद धर्मप्रांत में मिशन रविवार मनाया गया। लोगों ने मिशन चंदा के नाम पर बड़े नोटों को दिया जो आमतौर पर ऐसा नहीं होता था। उन्होंने कहा कि लोगों को अपने रुपये बदलने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।








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