2016-11-28 15:44:00

हम ईश्वर के साधन बनने के लिए बुलाये गये हैं, संत पापा


वाटिकन सिटी, सोमवार, 28 नवम्बर 2016 (वीआर सेदोक): वाटिकन की विज्ञान संबंधी परमधर्मपीठीय अकादमी की आमसभा के प्रतिभागियों को सम्बोधित कर, संत पापा ने मानव व्यक्ति एवं पृथ्वी की रक्षा हेतु उनके योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

उन्होंने नई वैश्विक पारिस्थितिक संतुलन की सेवा में विज्ञान की विशेष आवश्यकता बतलायी, साथ ही साथ विज्ञान एवं ख्रीस्तीय समुदायों के बीच नवीकृत साझेदारी पर गौर किया जो आपस की दूरी कम करते हुए आम घर की देखभाल करने हेतु अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।  

उन्होंने कहा, ″मैं प्रसन्न हूँ कि आप गहराई से एकात्मता का साक्ष्य दे पा रहे हैं जो धरती माता की देखभाल के चिन्ह स्वरूप, आपको वर्तमान और भूत की मानवता से जोड़ रहा है। आपकी प्रतिबद्धता, पूर्ण मानव विकास, शांति, न्याय तथा मानव स्वतंत्रता को बढ़ावा दिये जाने के कारण भी अधिक सराहनीय हो गयी है।″    

संत पापा ने सभा के प्रतिभागियों को उनके कर्तव्यों की याद दिलायी तथा पृथ्वी की देखभाल पर आधारित प्रेरितिक पत्र ‘लाऔदातो सी’ का हवाला देते हुए कहा, ″प्रेरितिक पत्र ‘लाऔदातो सी’ में मैंने इस बात का स्मरण दिलाया है कि हम पिता ईश्वर के साधन बनने के लिए बुलाये गये हैं ताकि हमारी पृथ्वी को उसी रूप में सुरक्षित रखा जा सके जिस रूप में पिता ईश्वर ने इसकी सृष्टि करते समय कल्पना की थी, शांति, सौन्दर्य एवं पूर्णता की योजना″ जबकि आधुनिक युग में हम खुद को ही सृष्टि के मालिक समझने लगे हैं।

 संत पापा ने विज्ञान संबंधी परमधर्मपीठीय अकादमी की आमसभा के प्रतिभागियों से कहा कि वे एक ऐसी संस्कृति को बढ़ावा दें जो जलवायु परिवर्तन तथा इसके सामाजिक परिणामों के संकट का सामना कर सके, ताकि पृथ्वी की उत्पादकता की विशाल क्षमता कुछ ही लोगों के हाथों सीमित होकर न रह जाए। यद्यपि सार्वजनिक हित तथा वैश्विक वस्तुओं एवं हमारे ग्रह की स्थिति पर अच्छी तरह से स्थापित वैज्ञानिक राय की अवहेलना की जा रही है तथापि उन्होंने कहा कि हम आशा न खोयें और प्रभु प्रदत्त इस समय का सदुपयोग करने का प्रयास करें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी वैज्ञानिक, नैतिक मूल्य तथा स्थायी और पूर्ण विकास की योजना के लिए योगदान देते रहेंगे। 








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