2016-11-24 15:02:00

सि. रानी मरिया की संत घोषणा प्रकरण के तहत कब्र की खुदाई


भोपाल, बृहस्पतिवार, 24 नवम्बर 2016 (ऊकान): लोगों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु समर्पित फ्राँसिसकन क्लारिस्ट धर्मबहन सि. रानी मरिया जिसकी हत्या 25 फरवरी 1995 को एक बस में हो गयी थी, उनकी संत घोषणा हेतु जाँच प्रक्रिया जारी है।

मध्य प्रदेश के गरीब भूमिहीन लोगों के उत्थान हेतु उनके कार्यों से नाखुश जमीनदारों एवं साहूकारों ने उनकी हत्या करायी थी, तब वे 41 साल की थीं और इंदौर धर्मप्रांत के उदयनगर में कार्य कर रही थीं। वे अपने कॉन्वेंट से इंदौर की यात्रा पर थी ताकि अपने घर केरल जा सकें।

इंदौर के धर्माध्यक्ष चाको थोत्मारिकल ने कहा कि सि. रानी मरिया को पवित्र हृदय को समर्पित गिरजाघर के बाहर दफनाया गया था किन्तु संत प्रकरण प्रक्रिया के तहत उनके अवशेष को अब निकाल लिया गया है तथा गिरजाघर के अंदर निर्मित उनकी समाधि पर स्थापित किया गया है।    

उन्होंने कहा, ″सि. रानी मरिया वातालिल की कब्र खोदी गयी तथा उनके अवशेष को धन्य घोषणा की प्रक्रिया के हिस्से के तहत 18 नवम्बर को गिरजाघर के अंदर रखा गया है।″

ज्ञात हो कि संत घोषणा हेतु जाँच प्रक्रिया में कब्र खोदकर वाटिकन इस बात को प्रमाणित करना चाहती है कि उम्मीदवार सचमुच उस कब्र में दफनाया गया था। परम्परा अनुसार काथलिक इस लिए भी कब्र खोलती है कि क्या शरीर सुरक्षित बच गया है। 

धर्माध्यक्ष ने कहा कि श्रद्धालु हज़ारों की संख्या में सि. रानी की नई समाधि का दर्शन करने हेतु उनकी मध्यस्थता द्वारा प्रार्थना करने आ रहे हैं। न केवल ख्रीस्तीय किन्तु गैर ख्रीस्तीय भी उन्हें संत मानने लगे हैं क्योंकि उन्होंने वीरता का जीवन व्यतीत किया है।  

उन्होंने कहा, ″उन्हें शहीद के रूप में संत घोषित किये जाने की मांग हो रही है किन्तु इसका निर्णय वाटिकन के ऊपर है।″  

सि. रानी मरिया ने सन 1975 ई. में उत्तर भारत में कार्य करना आरम्भ किया। वे 1992 में उदयनगर आयीं जहाँ उन्होंने जमीनदारों एवं साहूकारों के साथ संघर्ष किया जो स्थानीय लोगों पर शोषण कर रहे थे। 

जमीनदारों एवं साहूकारों ने समुद्र सिंह को रिश्वत देकर उनकी हत्या करायी जो बाद में पकड़े गये तथा 12 सालों के लिए जेल भेज दिये गये थे।

जेल में रहते हुए उसने पश्चाताप किया तथा सि. रानी के परिवारवालों से मुलाकात करने की इच्छा जाहिर की। सि. रानी की बहन (जो एक धर्मबहन है) ने उन्हें राखी बांधकर अपने परिवार में स्वीकार किया।

इंदौर के धर्माध्यक्ष जॉर्ज अनाथिल ने सि. रानी मरिया की संत घोषणा हेतु प्रक्रिया 2001 में शुरू की। उन्हें 2005 में ईश सेविका घोषित किया गया। अगला चरण है धन्य घोषणा है जिसके लिए उनकी मध्यस्थता द्वारा किसी रोगी के चंगा किये जाने यानी चमत्कार की आवश्यकता है।

इंदौर के धर्माध्यक्ष ने कहा कि उनकी संत घोषणा उस स्थानीय कलीसिया के लिए एक महान आशीर्वाद होगा जहाँ ख्रीस्तीय आज भी चरमपंथियों द्वारा हिंसा के शिकार हो रहे हैं। 








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