2016-11-22 11:38:00

मछुओं के शोषण की कार्डिनल पारोलीन ने की निन्दा


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 22 नवम्बर 2016 (सेदोक): वाटिकन राज्य के सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन ने मछुओं के शोषण की निन्दा की है जो खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में विश्वव्यापी स्तर पर निर्णायक योगदान प्रदान करते हैं। उन्होंने अनियंत्रित मत्स्यपालन एवं मछली पकड़ने की भी आलोचना की जो कुछेक प्रजातियों की कमी या रिक्तीकरण को जन्म देता है तथा भावी पीढ़ियों के लिये खाद्य संकट उत्पन्न करता है।

रोम स्थित संयुक्त राष्ट्र संघ के विश्व खाद्य एवं कृषि संगठन के मुख्यालय में, सोमवार को, विश्व मत्स्य दिवस के उपलक्ष्य में विश्व प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर कार्डिनल पारोलीन ने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि मत्स्य पालन उद्योग धड़ल्ले से बढ़ रहा है जिससे लाखों लोगों को रोज़गार मिल रहा है तथा परिवारों एवं समुदायों को अपनी जीविका कमाने में सक्षम बना रहा है।

कार्डिनल पारोलीन ने कहा कि पार-अटलांटिक दास व्यापार के उन्मूलन के दो शताब्दियों बाद भी  अनौपचारिक या अवैध अर्थव्यवस्था के तहत लगभग 2.1 करोड़ लोग बलात काम के लिए बाध्य हैं, विशेष रूप से, गहन श्रम एवं मत्स्य पालन उद्योगों में। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि आप्रवासी, बन्धुआ मज़दूरी के लिये बाध्य लोग तथा मानव तस्करी से पीड़ित लोग, विशेष रूप से, शोषण के शिकार बनते हैं।

इस बात की ओर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित कराया कि मछली पकड़ने की नौकाओं पर सवार श्रमिक, अनिवार्य रूप से लंबी अवधि के लिए घर से बाहर रहते हैं जो संविदात्मक गारंटी एवं बुनियादी मौलिक अधिकारों से भी वंचित कर दिये जाते हैं। कार्डिनल ने कहा कि गहरे समुद्र में मछली पकड़ने की नौकाएं लंबी अवधि के लिए रहती हैं जिसके दौरान कर्मचारियों एवं श्रमिकों को, प्रायः, सीमित स्थानों एवं बदत्तर परिस्थितियों काम करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कभी-कभी स्थिति हिरासत में रहने जैसी बन जाती है।

विश्व की सरकारों एवं राज्यों का उन्होंने आह्वान किया कि वे मत्स्य पालन से संलग्न उद्योग पर कानून को स्पष्टतः परिभाषित करें एवं तस्करों के विरुद्ध कानून को लागू करवायें ताकि श्रमिकों एवं कर्मचारियों के मौलिक अधिकारों की रक्षा हो सके।








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